Economic Crisis: जुलाई में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की तरफ से 3 बिलियन डॉलर का लोन मंजूर किये जाने के बाद एक्टिंग गवर्नमेंट के तहत आर्थिक सुधार की बात होने पर पाकिस्तान को कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है.
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Pakistan Economic Crisis: पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में महंगाई सातवें आसमान पर चल रही है. पाकिस्तान ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स (PBS) के आंकड़ों से सामने आया है कि पाकिस्तान में महंगाई दर सितंबर में सालाना आधार पर 27.4 प्रतिशत से बढ़कर 31.4 प्रतिशत हो गई. देश में इस समय पेट्रोल-डीजल और बिजली दरें रिकॉर्ड लेवल पर चल रही हैं. जुलाई में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की तरफ से 3 बिलियन डॉलर का लोन मंजूर किये जाने के बाद एक्टिंग गवर्नमेंट के तहत आर्थिक सुधार की बात होने पर पाकिस्तान को कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है.
महंगाई पर लगाम पाना मुश्किल हुआ
द न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, वाशिंगटन स्थित ऋणदाता के लोन ने देश को एक संप्रभु डिफॉल्ट को रोकने में मदद की. लेकिन इसके साथ आने वाली शर्तों ने अधिकारियों के लिए महंगाई पर लगाम पाना मुश्किल कर दिया है. पीबीएस (PBS) डाटा से सामने आया है कि महीने-दर-महीने के आधार पर, महंगाई सितंबर में 2 प्रतिशत बढ़ी, जबकि अगस्त में इसमें 1.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी.
महंगाई दर 38 प्रतिशत के ऐतिहासिक लेवल पर
रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में सालाना महंगाई दर पहले से ही 38 प्रतिशत के ऐतिहासिक लेवल पर है. 38 प्रतिशत की महंगाई दर मई में दर्ज की गई. आईएमएफ की तरफ से उठाए गए कदम के बाद इसमें गिरावट देखी गई. इसके अलावा बेंचमार्क ब्याज दर भी 22 प्रतिशत के हाई लेवल पर पहुंच गई. अवैध ग्रीनबैक तस्करों पर कार्रवाई के कारण अगस्त में डॉलर के मुकाबले रुपया सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है.
वित्त मंत्रालय ने पिछले हफ्ते अपनी मंथली रिपोर्ट में कहा था कि उसे पेट्रोल और ऊर्जा शुल्क में बढ़ोतरी के कारण आने वाले महीने में महंगाई दर के हाई लेवल पर रहने की आशंका है, यह 29-31 प्रतिशत के आसपास रह सकती है.