Onion Price: टमाटर के बाद अब प्याज भी रुलाने को है तैयार! अगले महीने से इतने बढ़ सकते हैं दाम
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Onion Price: टमाटर के बाद अब प्याज भी रुलाने को है तैयार! अगले महीने से इतने बढ़ सकते हैं दाम

Onion Price Hike Update: टमाटर की बढ़ती कीमतों के बीच में अब प्याज के दाम में भी 55 से 60 रुपये प्रति किलो तक इजाफा होने की संभावना है. आम जनता को प्याज न रुलाए इसके लिए केंद्र सरकार (Central government) ने बड़ा फैसला लिया है.

Onion Price: टमाटर के बाद अब प्याज भी रुलाने को है तैयार! अगले महीने से इतने बढ़ सकते हैं दाम

Onion Price Update: देशभर में बढ़ रही महंगाई (Inflation rate) के बीच में आम जनता के लिए एक और खबर सामने आ रही है. टमाटर की बढ़ती कीमतों के बीच में अब प्याज के दाम में भी 55 से 60 रुपये प्रति किलो तक इजाफा होने की संभावना है. आम जनता को प्याज न रुलाए इसके लिए केंद्र सरकार (Central government) ने बड़ा फैसला लिया है. शुक्रवार को सरकार ने बताया है कि वह 3 लाख मीट्रिक टन प्याज बफर स्टॉक (buffer stock) से जारी करेगी, जिससे आम जनता की जेब पर महंगे प्याज का बोझ नहीं पड़ेगा. 

कंज्यूमर अफेयर्स ने दी ये जानकारी
डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स ने जानकारी देते हुए बताया है कि वह राज्य और क्षेत्र के प्रमुख बाजारों को टारगेट करेंगे, जहां पर खुदरा कीमतें काफी ऊपर चल रही हैं. इसके साथ ही ई-कॉमर्स प्लेटफार्म पर रिटेल सेल के बारे में भी पता लगाया जा रहा है. 

कितना बढ़ा है प्याज का भाव?
रिपोर्ट के मुताबिक, प्याज की कीमतें 5 अगस्त को 1,200 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर 7 अगस्त को 1,900 रुपये हो गई हैं. प्रमुख बाजारों में 9 अगस्त को प्याज की कीमतें 2,500 रुपये प्रति क्विंटल थीं. प्याज की खुदरा कीमतें लगभग 30 रुपये प्रति किलो हैं, जो रबी सीजन के दौरान कम बुआई क्षेत्र की वजह से सितंबर की शुरुआत तक 60-70 रुपये प्रति किलो तक पहुंचने की उम्मीद है.

3.00 लाख मीट्रिक टन खरीदा गया है प्याज
उपभोक्ता मामलों के विभाग ने कहा है कि बफर के लिए कुल 3.00 लाख मीट्रिक टन प्याज की खरीद की गई है, जिसे स्थिति खराब होने पर और बढ़ाया जा सकता है.

NAFED और NCCF ने खरीदा प्याज
दो केंद्रीय नोडल एजेंसियों, NAFED और NCCF ने जून और जुलाई के दौरान महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से 1.50 लाख मीट्रिक टन रबी प्याज की खरीद की थी.

कृषि मंत्रालय ने जारी किए आंकड़े
कृषि मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि इस साल भारी बारिश की वजह से 31 जुलाई तक प्याज के लिए बोया गया खरीफ क्षेत्र पिछले साल की तुलना में 68,000 हेक्टेयर यानी 13 फीसदी कम था. आपको बता दें देशभर में प्याज उगाने के 3 सीजन होते हैं. इसमें खरीफ, लेट खरीफ और रबी सीजन को प्याज की खेती के लिए बेस्ट माना जाता है. रबी की सीजन में प्याज का कॉन्ट्रीब्यूशन सबसे ज्यादा यानी 70 फीसदी होता है. 

सितंबर से महंगा हो सकता है प्याज
क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, खुदरा बाजार में सितंबर की शुरुआत से कीमतों में तेजी आने की उम्मीद है.

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