Privatisation News: वित्त मंत्रालय की तरफ से इस बारे में दी गई जानकारी में बताया गया कि सबसे ज्यादा 1.07 लाख करोड़ रुपये की राशि 59 मामलों में बिक्री पेशकश (OFS) के जरिये जुटाई गई है.
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Privatisation in 8 Years: एनडीए सरकार के सत्ता में आने के बाद साल 2014 से अब तक बैंकों, एयरलाइन और बीमा कंपनियों का प्राइवेटाइजेशन किया गया है. 2014 से लेकर अब तक आठ सालों में सरकार ने विनिवेश और निजीकरण के जरिये 4 लाख करोड़ से ज्यादा का भारी फंड इकट्ठा किया है. वित्त मंत्रालय की तरफ से इस बारे में दी गई जानकारी में बताया गया कि सबसे ज्यादा 1.07 लाख करोड़ रुपये की राशि 59 मामलों में बिक्री पेशकश (OFS) के जरिये जुटाई गई है.
45 मामलों में शेयर बॉयबैक से 45,104 करोड़ मिले
इसके बाद कंपनी एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) के जरिये 10 किस्तों में कुल मिलाकर 98,949 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं. आठ साल के दौरान एयर इंडिया समेत 10 कंपनियों की रणनीतिक बिक्री से सरकारी खजाने को 69,412 करोड़ रुपये मिले. इसके अलावा 45 मामलों में शेयर बॉयबैक से 45,104 करोड़ रुपये मिले.
एलआईसी के आईपीओ से सबसे ज्यादा पैसे मिले
साल 2014-15 से 17 सीपीएसई (CPSE) लिस्टेड हुए जिनसे 50,386 करोड़ रुपये मिले. सरकार को सबसे ज्यादा पैसा एलआईसी के आईपीओ (IPO) से 20,516 करोड़ रुपये मिले. इसके अलावा न्यू लिस्टिंग के जरिये पिछले आठ सालों में 7.31 लाख करोड़ का एडिशनल मार्केट कैप प्रॉप्त हुआ.
सरकार ने पारादीप फास्फेट, IPCL और टाटा कम्युनिकेशन में Residual हिस्सेदारी बेचकर 472 करोड़, 219 करोड़ और 8847 करोड़ का फंड इकट्ठा किया. इसकी मदद से कुल 9538 करोड़ की राशि जुटाई गई.
(इनपुट: भाषा)
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