What is Gratuity: पिछले दिनों सरकार की तरफ से नियमों में बदलाव कर 20 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी को टैक्स फ्री रखा गया था. लेकिन डीए हाइक के बाद जब सरकारी कर्मचारियों की ग्रेच्युटी की लिमिट बढ़कर 25 लाख हो गई तो क्या इसका फायदा प्राइवेट कर्मचारियों को मिलेगा?
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Gratuity Calcution: केंद्र सरकार की तरफ से पिछले दिनों महंगाई भत्ते (DA) को बढ़कार 50% किया गया. इसके बाद केंद्रीय कर्मचारियों की ग्रेच्युटी की लिमिट पहले के 20 लाख से बढ़कर 25 लाख रुपये हो गई. नई ग्रेच्युटी लिमिट 1 जनवरी, 2024 से प्रभावी भी हो गई है. नई ग्रेच्युटी लिमिट का ऐलान डिपार्टमेंट ऑफ पेंशन एंड पेंशनर्स वेलफेयर की तरफ से सर्कुलर जारी करके किया गया था. नोटिफिकेशन 30 मई 2024 को जारी किया गया था. इस आदेश में कहा गया था कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के डीए (DA) को 46% से बढ़ाकर 50% कर दिया गया है. यह बढ़ोतरी 1 जनवरी, 2024 से लागू हुई थी.
डीए 50% होने पर बढ़ाई टैक्स फ्री ग्रेच्युटी की लिमिट
सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिश के अनुसार यह फैसला लिया था. इस बढ़ोतरी के कारण, कर्मचारियों को मिलने वाली ग्रेच्युटी की लिमिट भी बढ़ा दी गई है. सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट में कहा गया था कि सरकार को ग्रेच्युटी की लिमिट को समय-समय पर बढ़ाते रहना चाहिए. इससे कर्मचारियों को ज्यादा फायदा होगा. आयोग ने सुझाव दिया था कि ग्रेच्युटी की लिमिट को 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर देना चाहिए. यह बढ़ोतरी 1 जनवरी, 2016 से लागू होनी चाहिए थी. आयोग ने यह भी सुझाव दिया था कि जब भी कर्मचारियों का डीए 50% होता तो ग्रेच्युटी की लिमिट में 25% की बढ़ोतरी कर दी जानी चाहिए.
सरकारी कर्मचारियों के लिए बढ़ी हुई राशि 5 लाख टैक्स फ्री रहेगी
मौजूदा नियम के तहत केंद्रीय कर्मचारी 25 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी लिमिट के लिए एलिजिबल हैं. आइए जानते हैं सरकारी कर्मचारियों के लिए मौजूदा टैक्स फ्री ग्रेच्युटी लिमिट और प्राइवेट कर्मचारियों के लिए मौजूदा टैक्स फ्री ग्रेच्युटी लिमिट क्या है? इस बारे में टैक्स मामलों के जानकार आशीष मिश्रा कहते हैं कि सरकारी कर्मचारियों के मामले में किसी भी तरह की ग्रेच्युटी को टैक्स से पूरी तरह छूट मिलती है. इस तरह बढ़ी हुई राशि यानी पांच लाख रुपये भी टैक्स फ्री रहेंगे. यानी अब सरकारी कर्मचारियों को 25 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी पर किसी तरह का टैक्स नहीं देना होगा.
प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को दो कैटेगरी में बांटा गया
दूसरी तरफ प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए ग्रेच्युटी नियम इस बात पर डिपेंड करते हैं कि वे 1972 के ग्रेच्युटी एक्ट के अंतर्गत आते हैं या नहीं. प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को दो कैटेगरी में बांटा गया है. पहला ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम के अंतर्गत आने वाले कर्मचारी और दूसरे वे जो ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम के तहत नहीं आते. मौजूदा समय में प्राइवेट कर्मचारियों को 20 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी पर किसी तरह का टैक्स नहीं देना होता. सरकारी कर्मचारियों को ग्रेच्युटी के रूप में टैक्स फ्री होने की लिमिट बढ़ने के साथ प्राइवेट कर्मचारियों की पात्रता नहीं बढ़ती.
यदि सरकार प्राइवेट कर्मचारियों को भी छूट का फायदा देना चाहती है तो इसके लिए अलग से नोटिफिकेशन जारी करना होगा. प्राइवेट कंपनियों के मामले में कर्मचारियों के लिए टैक्स फ्री ग्रेच्युटी की लिमिट 20 लाख रुपये ही है. लेकिन इस लिमिट की कैलकुलेशन करने के नियम अलग-अलग हो सकते हैं. 'ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम, 1972' के अनुसार 20 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी पर टैक्स नहीं देना पड़ता.