Gautam Singhania Separation: दोनों ने शादी के 32 साल के बाद में तलाक का फैसला लिया है. तलाक के फैसले के बाद में अब खबर आ रही है कि नवाज मोदी ने उनसे समझौते के रूप में कुल संपत्ति के 75 फीसदी की मांग की है.
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Gautam Singhania Separation: अरबपति उद्योगपति रेमंड के गौतम सिंघानिया और नवाज ने अलग होने का फैसला लिया है. दोनों ने शादी के 32 साल के बाद में तलाक का फैसला लिया है. तलाक के फैसले के बाद में अब खबर आ रही है कि नवाज मोदी ने उनसे समझौते के रूप में कुल संपत्ति के 75 फीसदी की मांग की है. इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक, नवाज मोदी ने गौतम सिंघानिया से उनकी कुल नेटवर्थ का 75 फीसदी हिस्सा मांग लिया है.
गौतम सिंघानिया की नेटवर्थ 1.4 अरब डॉलर यानी करीब (11,660 करोड़ रुपये) है. इस हिसाब से देखा जाए तो नवाज ने तलाक के बदले में सिंघानिया परिवार से करीब 8,745 करोड़ रुपये की मांग की है. नवाज ने ये पैसा अपनी दोनों बेटियों निहारिका और निशा के भविष्य के लिए मांगा है.
नवाज की मांग पर किया जा रहा विचार
ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, माना जाता है कि गौतम सिंघानिया ने नवाज के अनुरोध पर विचार करने की इच्छा दिखाई है, लेकिन उन्होंने परिवार की संपत्ति के मैनेज और ट्रांसफर की जगह उन्होंने एक फैमिली ट्रस्ट बनाने का सुझाव दिया है.
ट्रस्ट बनाने पर किया जा रहा विचार
रिपोर्ट की मानें तो गौतम सिंघानिया ने अपनी 11,660 करोड़ रुपये की संपत्ति में से अपनी बेटियों के लिए संपत्ति का 75 फीसदी हिस्सा देने पर सहमति जाहिर कर दी है. फिलहाल फंड को ट्रांसफर करने के लिए ट्रस्ट बनाने पर विचार किया जा रहा है. सिंघानिया का कहना है कि वह इस ट्रस्ट में परिवार के वेल्थ और एसेट को ट्रांसफर करेंगे.
ट्रस्ट में होते हैं 3 पक्ष
ट्रस्ट कानूनों में आम तौर पर तीन मुख्य पक्ष शामिल होते हैं: एक सेटलर, जो ट्रस्ट में संपत्ति का योगदान देता है... दूसरा ट्रस्टी, प्रशासन के लिए जिम्मेदार; और तीसरा लाभार्थी. गौतम के प्रस्तावित पारिवारिक ट्रस्ट में, वह सेटलर और ट्रस्टी दोनों की भूमिका निभाएंगे. हालांकि ऐसे स्ट्रक्चर कानूनी रूप से स्वीकार्य है, लेकिन इसने चल रही बातचीत में विवाद पैदा कर दिया है.
नवाज के पास हैं 2500 शेयर्स
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के आंकड़ों के मुताबिक, जहां नवाज सिंघानिया के पास व्यक्तिगत रूप से रेमंड के 2500 शेयर हैं, वहीं गौतम सिंघानिया के पास 29 शेयर हैं. प्रमोटर समूह में, जे के इन्वेस्टर्स (बॉम्बे) लिमिटेड के पास 29.83 फीसदी के साथ सबसे बड़ी शेयरहोल्डिंग है. इसके बाद 12.43 फीसदी के साथ जे के इन्वेस्टो ट्रेड (इंडिया) लिमिटेड का स्थान है.