Share Market Investment: कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी शोध (खुदरा) प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) का प्रवाह निकट समय में मौद्रिक सख्ती से जुड़े आघातों को देखते हुए उतार-चढ़ाव से भरा रह सकता है. इसके साथ ही भू-राजनीतिक स्थिति भी एक कारक बन सकती है.
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FPI Data: शेयर बाजार में निवेश करना जोखिम से भरा है. हालांकि शेयर बाजार से बेहतरीन रिटर्न भी हासिल किया जा सकता है. शेयर बाजार (Share Market) में उतार-चढ़ाव भी बना रहता है. इस बीच शेयर बाजार में एक बड़ी पूंजी नवंबर के शुरुआती दिनों में ही लगाई गई है और ये पूंजी विदेशी निवेशकों ने लगाई है. दरअसल, नवंबर के महीने में विदेशी निवेशक एक बार फिर से भारतीय शेयर बाजार में दिलचस्पी दिखा रहे हैं और शुरुआत से ही खरीदारी कर रहे हैं. ऐसे में विदेशी निवेशकों ने नवंबर के शुरुआती चार कारोबारी दिनों में ही 15 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की पूंजी डाल दी है.
शेयर खरीदे
दो महीनों तक भारतीय बाजारों से निकासी करने वाले विदेशी निवेशकों ने नवंबर के पहले हफ्ते में जोरदार वापसी करते हुए घरेलू इक्विटी बाजारों में 15,280 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की खरीद की है. विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की तरफ से नीतिगत दरों में वृद्धि को लेकर नरम रहने की उम्मीद में विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजारों में जमकर खरीदारी की.
उतार-चढ़ाव
कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी शोध (खुदरा) प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) का प्रवाह निकट समय में मौद्रिक सख्ती से जुड़े आघातों को देखते हुए उतार-चढ़ाव से भरा रह सकता है. इसके साथ ही भू-राजनीतिक स्थिति भी एक कारक बन सकती है. डिपॉजिटरी से मिले आंकड़ों के मुताबिक, एफपीआई ने एक से चार नवंबर के बीच भारतीय इक्विटी बाजारों में 15,280 करोड़ रुपये का निवेश किया.
पहले की थी निकासी
इसके पहले एफपीआई ने अक्टूबर में भारतीय बाजारों से आठ करोड़ रुपये और सितंबर में 7,624 करोड़ रुपये मूल्य की शुद्ध निकासी की थी. इसके पहले एफपीआई ने अगस्त में 51,200 करोड़ रुपये और जुलाई में करीब 5,000 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की शुद्ध खरीदारी की थी. उसके पहले के नौ महीनों तक एफपीआई लगातार बिकवाल बने हुए थे. इस तरह इस साल अब तक एफपीआई भारतीय बाजारों से कुल 1.53 लाख करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी कर चुके हैं.
फेडरल रिजर्व की तरफ से नरमी की उम्मीद
सैंक्टम वेल्थ के उत्पाद एवं समाधान सह-प्रमुख मनीष जेलोका ने कहा, "नवंबर के पहले हफ्ते में एफपीआई की तगड़ी मौजूदगी का कारण फेडरल रिजर्व की तरफ से नरमी दिखाने की उम्मीद रहा है." जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, "अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल और डॉलर के मजबूत होने के समय में भी भारतीय बाजार में एफपीआई का खरीदारी करना एक महत्वपूर्ण पहलू है. यह भारतीय अर्थव्यवस्था में एफपीआई के विश्वास को दर्शाता है."
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