Nirmala Sitharaman: वित्त मंत्री ने कहा, 'मैं चीन में होने वाले घटनाक्रम पर नजर रखूंगी, लेकिन मेरा ध्यान भारत के वर्तमान समय, मौजूद अवसरों, कौशल और कार्य संस्कृति पर अधिक है.
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B20 Summit: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि वह चीन की बात करने की जगह 'भारत की कहानी सुनाना पसंद करेंगी.' उन्होंने दिल्ली में आयोजित बी-20 सम्मेलन (B-20 Summit) के दौरान यह टिप्पणी की. इसके बाद लोग यह जानने के इच्छुक हैं कि आखिर उन्होंने यह बात क्यों कही? गौरतलब है कि चीन में इस समय आर्थिक नरमी देखी जा रही है. बी-20 समिट के दौरान उनसे पूछा गया कि चीन में मंदी का भारत और बाकी दुनिया पर क्या प्रभाव पड़ेगा. उन्होंने यह माना कि चीन का घटनाक्रम सभी के लिए चिंता का विषय है.
भारत की ताकत के बारे में बोलना चाहिए
वित्त मंत्री ने कहा, 'लेकिन मैं भारत की कहानी बताना चाहूंगा.' वित्त मंत्री ने कहा, 'मैं चीन में होने वाले घटनाक्रम पर नजर रखूंगी, लेकिन मेरा ध्यान भारत के वर्तमान समय, मौजूद अवसरों, कौशल और कार्य संस्कृति पर अधिक है. यहां युवा आगे बढ़ने और खुद को साबित करने के लिए उत्साहित हैं. इसलिए, हमें भारत की ताकत के बारे में बोलना चाहिए, न कि किसी और की पीड़ा के लिए.'
सितंबर में होगा जी-20 शिखर सम्मेलन
आपको बता दें सितंबर में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) से पहले बी20 सम्मेलन (B-20 Summit) का आयोजन किया जा रहा है. उन्होंने कहा, 'मैं भारत की मौजूदा ताकत को पेश कर रही हूं. विशेष रूप से युवा आबादी के साथ, जो एक अच्छी अंग्रेजी बोलने वाली आबादी है.' मंत्री ने अपने संबोधन में बुनियादी ढांचे के विकास, स्टार्टअप को बढ़ावा देने और जलवायु मुद्दों के समाधान को लेकर सरकार के उपायों के बारे में बात की.
वित्त मंत्री निर्मला ने कहा कि भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (FTA) की जल्द ही घोषणा होने की उम्मीद है. वित्त मंत्री ने बी20 शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत लगातार अलग-अलग देशों के संपर्क में है. यूरोपीय एफटीए (EFTA) भी पाइपलाइन में है. ईएफटीए में लिकटेंस्टीन, नॉर्वे, आइसलैंड और स्विट्जरलैंड शामिल हैं. सीतारमण ने कहा, 'हमें अपनी सप्लाई चेन में तेजी से विविधता लाने की जरूरत है. लचीली और कुशल आपूर्ति श्रृंखलाओं के साथ अच्छी तरह से काम करने वाले अंतर्राष्ट्रीय बाजार ही हमारी वृद्धि को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं. इसलिए, हमें होने वाले किसी भी झटके से खुद को पर्याप्त रूप से बचाने की जरूरत है.' (इनपुट भाषा और आईएएनएस से)