Tulsi Plants: तुलसी पौधे का है धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व, मृत प्राणी को जीवित करने की रखता है क्षमता
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Tulsi Plants: तुलसी पौधे का है धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व, मृत प्राणी को जीवित करने की रखता है क्षमता

Tulsi Plant Religious and Scientific Importance: तुलसी पौधे का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व है. यह पौधा मृत प्राणी को जीवित करने की रखता है. हिंदू धर्म में इस पौधे को घर में रखना जरूरी है, लंका में तुलसी के पौधे से ही हनुमान जी ने विभीषण को पहचाना था.

Tulsi Plant Importance

Tulsi Plant Importance: तुलसी हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है. यह धार्मिक कार्यों में प्रयुक्त होती है और इसकी पूजा हर हिंदू घर में होती है. रामचरितमानस में हनुमान जी को लंका में तुलसी का पौधा देखाई दिया था. तुलसी एक औषधीय पौधा है जिसके अनेक स्वास्थ्य लाभ हैं. इससे कैंसर जैसी बीमारियों का उपचार भी होता है और इसके पत्तों का सेवन से ज्वर, जुकाम और मलेरिया में राहत मिलती है. तुलसी की गंध और स्पर्श से वातावरण पवित्र होता है और अनेक रोगों से रक्षा होती है.

वंश के लिए तुलसी पौधे
हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे का बहुत ही महत्व है, प्रत्येक धार्मिक कार्य में तो तुलसी दल का प्रयोग होता ही है यहां तक कि किसी मनुष्य की मृत्यु होने पर भी उसके मोक्ष के लिए मुंह में तुलसी दल रखी जाती है. यही कारण है कि ऐसा कोई हिंदू घर नहीं होता जिसके आंगन में तुलसी का पौधा न लगा हो. महिलाएं अपने सौभाग्य और वंश की समृद्धि के लिए तुलसी के पौधे का पूजन करती हैं.

तुलसी पूजन
तुलसी के पौधे का प्रसंग जानने के लिए रामचरितमानस का एक प्रसंग जानना चाहिए. रामभक्त हनुमान जी जब माता सीता की खोज करने लंका गए तो उन्हें विभीषण के घर के आंगन में तुलसी का पौधा दिखाई दिया. ‘‘रामायुध अंकित गृह शोभा बरनि न जाय. नव तुलसिका वृन्द तंह, देखि हरष कपिराय’’. अति प्राचीन परम्परा से तुलसी का पूजन हर सद्गृहस्थ परिवार में होता आया है. जिस दंपत्ति के संतान नहीं होती, वह तुलसी-विवाह कराते हैं. तुलसी पत्र चढ़ाये बिना शालिग्राम का पूजन पूरा नहीं होता है. विष्णु भगवान को चढ़ाए श्राद्ध भोजन में, देवप्रसाद, चरणामृत, पंचामृत में तुलसी पत्र होना आवश्यक है अन्यथा वह प्रसाद भोग देवताओं को नहीं चढ़ता. 

तुलसी के वैज्ञानिक रहस्य
तुलसी जितनी धार्मिक मान्यता किसी भी वृक्ष को नहीं है. इन सभी धार्मिक मान्यताओं के पीछे एक वैज्ञानिक रहस्य छिपा हुआ है. तुलसी वृक्ष एक दिव्य औषधीय वृक्ष है जो कस्तूरी की तरह एक बार मृत प्राणी को जीवित करने की क्षमता रखता है. तुलसी के माध्यम से कैंसर जैसी असाध्य बीमारी भी ठीक हो जाती है. आयुर्वेद के ग्रंथों में तुलसी की बड़ी भारी महिमा वर्णित है. इसके पत्ते उबालकर पीने से सामान्य ज्वर, जुकाम, खांसी एवं मलेरिया में तत्काल राहत मिलती है. ‘रणवीर भक्ति रत्नाकर’ ग्रंथ के अनुसार तुलसी की गंध से सुवासित वायु जहां तक पहुंचती है, वहां तक दिशा और विदिशाओं को पवित्र कर प्राणियों को प्राणवान करता है. ‘क्रियायोगसार’ नामक एक अन्य ग्रंथ के अनुसार तुलसी के स्पर्श मात्र से मलेरिया इत्यादि रोगों के कीटाणु एवं विविध व्याधियां तुरंत नष्ट हो जाती है.

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