Punarvasu Nakshatra Born Personality: पुनर्वसु नक्षत्र के लोग बहुत मेहनती होते हैं, लेकिन यदि किसी को उधारी दे दी तो बहुत मुश्किल से इनको रकम वापस मिलती है. ऐसे लोगों को कानूनी दांव-पेंच से दूर रहना चाहिए और सदैव समझौतावादी दृष्टिकोण रखना चाहिए.
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Punarvasu Nakshatra Horoscope: तारामंडल का सातवां नक्षत्र पुनर्वसु कहलाता है. पुनर्वसु शब्द पुन:+वसु से बना है, जिसका अर्थ है पुनः धन मान व यश की प्राप्ति. ज्योतिष विद्वानों का विचार है कि यह नक्षत्र गुरु बनकर व्यक्ति को गुमनामी और गरीबी के अंधेरे से बाहर निकालकर सुख-सुविधा सम्मान और सुयश के प्रकाश में ले जाता है. इस नक्षत्र को गुरु की ऊर्जा का स्रोत माना जाता है. इस नक्षत्र में जन्मे लोग बहुत संतुलित और धनुर्धर की तरह लक्ष्य साधने वाले होते हैं. इन्हें बुरी संगत, बुरी बातें और नशा करने वाले लोगों से बचकर रहना चाहिए. इन लोगों को किसी को पैसा उधार नहीं देना चाहिए, क्योंकि वह आसानी से वापस नहीं मिलता है. हां यह लोग लोन ले सकते हैं.
ऐसे लोगों को कानूनी दांव-पेंच से दूर रहना चाहिए और सदैव समझौतावादी दृष्टिकोण रखना चाहिए. कहीं कोई विवाद हो जाए तो उसे सुलझाने के लिए मध्यस्थता की मदद लेना चाहिए. किसी की कोई गुप्त बात पता भी लग जाए तो राज को सार्वजनिक नहीं करना चाहिए. इस नक्षत्र में जन्मे लोगों से उनके भीतर की बात निकलवाना सरल होता है. ऐसे लोगों को ऑफिस के गोपनीय कार्य एवं महत्वपूर्ण दस्तावेज रखने की जिम्मेदारी से बचना चाहिए.
उपाय
पुनर्वसु नक्षत्र का पूर्ण फल प्राप्त करने के लिए इस नक्षत्र में जन्मे लोगों को बांस के पेड़ से प्यार करना चाहिए, क्योंकि इस नक्षत्र की वनस्पति बांस है. इसका नाम वंश भी है. यह पृथ्वी पर सबसे तेज बढ़ने वाला पेड़ है. इस पेड़ की सबसे खास बात यह होती है कि यह अकेला नहीं होता है यानी सामूहिक रूप से पैदा होता है. बांस एक बहुत उपयोगी पेड़ है. इसका इस्तेमाल घर बनाने और छप्पर छाने में किया जाता है. इसको गरीब की लकड़ी भी कहते हैं.
यदि संभव हो तो इन लोगों को बांस की पैदावार बढ़ाने में सहयोग करना चाहिए. बांस के प्रति सम्मान और श्रद्धा रखते हुए महत्व देना चाहिए. बांस घर में तो नहीं लगाया जा सकता है, इसलिए जो गरीब किसान बांस की खेती कर रहे हैं, उनको बांस उगाने में आर्थिक मदद देनी चाहिए. बांस से बने उत्पादों की बिक्री बढ़ाने में भी सहयोग करना चाहिए. बांस को काटना और पेड़ को काटना अलग-अलग बात है. बांस को काटा जा सकता है, क्योंकि यह एक प्रकार की घास है, इसको जहां से काटते हैं, वहीं से फिर बढ़ने लगता है, इसलिए इसको दोबारा बोने की आवश्यकता बहुत देर में होती है. बांस की पत्तियों का आयुर्वेद में औषधि के रूप में प्रयोग होता है.
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