सबसे खतरनाक ग्रह दोष! इनमें से एक भी हो कुंडली में तो कभी खत्‍म नहीं होता बुरा वक्‍त
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सबसे खतरनाक ग्रह दोष! इनमें से एक भी हो कुंडली में तो कभी खत्‍म नहीं होता बुरा वक्‍त

Dangerous dosh in Kundali: ज्‍योतिष शास्‍त्र में कुंडली के ग्रहों द्वारा बनाए गए कई शुभ-अशुभ योगों के बारे में बताया गया है. इसमें 5 सबसे खतरनाक ग्रह दोष भी बताए गए हैं, जो जातक का जीवन तबाह कर देते हैं. 

सबसे खतरनाक ग्रह दोष! इनमें से एक भी हो कुंडली में तो कभी खत्‍म नहीं होता बुरा वक्‍त

Grah Dosh in Kundli: कुंडली के ग्रह कई तरह के शुभ-अशुभ योग बनाते हैं. ज्‍योतिष में इनमें से योग को इतना सकारात्‍मक बताया गया है कि वे व्‍यक्ति को फर्श से अर्श पर पहुंचा देते हैं. वहीं 5 ऐसे खतरनाक ग्रह दोष भी बताए गए हैं, जिनमें से एक भी कुंडली में हो तो जातक का जीवन बहुत संघर्षों और कष्‍टों में गुजरता है. कह सकते हैं कि ऐसे जातक के जीवन में बुरा वक्‍त कभी खत्‍म नहीं होता. उन्‍हें करियर, आर्थिक मामलों, रिश्‍तों, सेहत संबंधी समस्‍याएं, मान हानि आदि झेलनी पड़ता है. आज हम कुंडली के इन्‍हीं सबसे अशुभ माने गए ग्रह दोषों के बारे में जानते हैं. 

कुंडली के खतरनाक ग्रह दोष 

कालसर्प दोष: कालसर्प दोष का नाम ही लोगों को डराने के लिए काफी है. कुंडली में राहु और केतु के एक साथ आने से कालसर्प दोष बनता है. यह दोष जातक को जीवन में बहुत संघर्ष कराता है. ऐसे जातकों के काम नहीं बनते हैं. उन्‍हें बार-बार असफलताओं का सामना करना पड़ता है. इन लोगों को जल्‍द से जल्‍द कालसर्प दोष निवारण के ज्योतिषीय उपाय कर लेने चाहिए. 

मंगल दोष: मंगल दोष को विवाह के लिए सबसे ज्‍यादा अशुभ माना गया है. जब भी जब कुंडली में प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम अथवा द्वादश भाव में मंगल होता है, तब मांगलिक दोष लगता है. मंगल दोष विवाह में बाधा डालता है और यदि इसके उपाय ना किए जाएं तो वैवाहिक जीवन में भी समस्‍या आती है. लिहाजा विवाह से पहले ही इसके उपाय कर लेने चाहिए, साथ ही ऐसे जातक का विवाह बहुत अच्‍छे से कुंडली मिलान करके ही करना चाहिए. इसके अलावा मंगल दोष जातक को क्रोधी, हिंसात्‍मक बना सकता है. 

केन्द्राधिपति दोष: किसी शुभ ग्रह की राशि का केंद्र में होना केन्द्राधिपति दोष बनाता है. ये शुभ ग्रह बृहस्पति, बुध, शुक्र, और चंद्रमा हैं. इस दोष की वजह से व्यक्ति को करियर से संबंधित समस्‍याएं झेलनी पड़ती हैं. जैसे- बार-बार नौकरी जाना, व्‍यापार में बाधाएं आना या नुकसान होना, शिक्षा में रुकावट आना. 

पितृ दोष: पितरों की नाराजगी पितृ दोष का कारण बनती है. साथ ही जब कुंडली में राहु के साथ सूर्य का संयोजन हो या केतु के साथ सूर्य ग्रह का संयोजन हो तो पितृ दोष बनता है. पितृ दोष व्‍यक्ति के जीवन में तरक्‍की रोक देता है. उसे रोजगार में समस्‍या आती है, संतान सुख नहीं मिलता, धन हानि होती है, वंशवृद्धि रुक जाती है. पितृ पक्ष का समय पितृ दोष से निजात पाने के लिए सबसे उत्‍तम माना गया है. 

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गुरु चांडाल दोष: सबसे खतरनाक दोषों में गुरु-चांडाल दोष भी शामिल है. जब कुंडली में राहु बृहस्पति के साथ हो तो यह दोष बनता है. यह दोष बहुत नुकसान पहुंचाता है. ऐसे व्‍यक्ति को पेट संबंधी बड़ी बीमारी हो सकती है. ऐसे जातक बेवजह पैसा खर्च करके कर्ज में आ जाते हैं. इसके अलावा यह दोष उन्‍हें कमजोर चरित्र वाला बनाता है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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