भारत में आज कितने बजे लगेगा सूर्य ग्रहण? जान लें सही समय और सूतक काल
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भारत में आज कितने बजे लगेगा सूर्य ग्रहण? जान लें सही समय और सूतक काल

Surya Grahan Time 2023: आज 14 अक्‍टूबर 2023 को साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण लगने वाला है. यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई देगा या नहीं या इसका सूतक काल कब से लगेगा, इसकी डिटेल्‍स जान लें. 

भारत में आज कितने बजे लगेगा सूर्य ग्रहण? जान लें सही समय और सूतक काल

Surya Grahan 2023 kab hai: सूर्य ग्रहण एक महत्‍वपूर्ण खगोलीय घटना है लेकिन इसे धर्म में शुभ नहीं माना गया है. यही वजह है कि ग्रहण के दौरान कोई भी शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है. वहीं ज्‍योतिष के अनुसार इन सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण का सभी राशि वालों के जीवन पर शुभ-अशुभ असर पड़ता है. साल 2023 में 4 ग्रहण लगने हैं, जिसमें से तीसरा ग्रहण आज 14 अक्‍टूबर को लग रहा है. यह साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण होगा. अब तक लग चुके दोनों सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण भारत में नजर नहीं आए थे. लिहाजा इनका सूतक काल नहीं माना गया था. 

एक ही महीने में 2 ग्रहण 

अक्‍टूबर महीने में सूर्य ग्रहण के साथ-साथ चंद्र ग्रहण भी लगने जा रहा है. आज 14 अक्‍टूबर 2023 को सूर्य ग्रहण लगने के बाद 28 अक्‍टूबर को शरद पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण भी लगेगा. इस तरह एक ही महीने में दो ग्रहण का लगना अच्‍छा नहीं माना जा रहा है. 

भारत में इस समय लगेगा सूर्य ग्रहण

साल का दूसरा सूर्य ग्रहण आज 14 अक्‍टूबर, शनिवार अश्विन अमावस्या पर भारतीय समय के अनुसार रात में 8 बजकर 34 मिनट पर प्रारंभ होगा और इसका समापन रात 2 बजकर 25 मिनट पर होगा. यह सूर्य ग्रहण कंकड़ाकृति सूर्य ग्रहण होगा. यह सूर्य ग्रहण भी भारत में दिखाई नहीं देगा. आज का सूर्य ग्रहण उत्तरी अमेरिका, मध्य अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, उत्तरी अफ्रीका का किनारा, अटलांटिक और प्रशांत महासागर में दिखाई देगा. 

सूर्य ग्रहण का सूतक काल 

चूंकि यह सूर्य ग्रहण भारत में दृश्यमान नहीं होगा इसलिए, इसका सूतक काल भी भारत में मान्य नहीं होगा. लिहाजा आज सर्व पितृ अमावस्‍या के श्राद्ध-तर्पण आदि अनुष्‍ठानों पर सूर्य ग्रहण के कारण कोई रुकावट नहीं आएगी. हालांकि इस सूर्य ग्रहण का राशियों पर असर पड़ सकता है. 

कब लगता है सूर्य ग्रहण? 

जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है और पृथ्वी पर उसकी छाया पड़ती है तब चंद्रमा सूर्य के प्रकाश को पूरी तरह या आंशिक रूप से ढंक लेता है. ऐसी स्थिति में अंधेरा छा जाता है और उसे सूर्य ग्रहण कहते हैं. कंकणाकृति सूर्य ग्रहण मिला जुला सूर्य ग्रहण माना जाता है जिसमें ग्रहण एक कुंडलाकार सूर्य ग्रहण के रूप में शुरू होता है फिर धीरे-धीरे यह पूर्ण सूर्य ग्रहण में बदल जाता है और फिर वापस आकर कुंडलाकार सूर्य ग्रहण में बदल जाता है. आज का ग्रहण ऐसा ही कंकणाकृति सूर्य ग्रहण है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्‍य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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