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Maa Lakshmi Shri Yantra: हिंदू धर्म शास्त्रों में अक्षय तृतीया का विशेष महत्व बताया गया है. वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाता है. बता दें कि इस बार अक्षय तृतीया 22 अप्रैल को मनाई जाएगी. शास्त्रें के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन अबूझ मुहूर्त होता है. इस दिन किसी भी शुभ कार्य को करने के लिए मुहूर्त की आवश्यकता नहीं होती. कहते हैं कि इस दिन कुछ खास चीजों की खरीदारी अक्षय पुण्य फल की प्राप्ति कराती है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन श्री यंत्र की स्थापना और पूजा से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. अगर आप भी किसी प्रकार की आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं, बिजनेस में घाटा हो रहा है, दरिद्रता से परेशान हैं, तो अक्षय तृतीया के दिन श्री यंत्र की विधिपूर्वक पूजा करने से लाभ होगा. आइए जानें इस यंत्र की स्थापना, पूजा विधि और लक्ष्मी यंत्र के बारे में.
यूं करें श्री यंत्र स्थापित
1. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार श्री यंत्र को पूजा स्थान, तिजोरी, बिजनेस स्थान आदि पर स्थापित करने से लाभ होता है.
2. अक्षय तृतीया के दिन घर के मंदिर में श्री यंत्र स्थापित करने के बाद नियमित रूप से उसकी पूजा अवश्य करें.
3. बता दें कि श्री यंत्र की स्थापना के लिए अक्षय तृतीया का दिन बेहद शुभ है. कहते हैं इस दिन सद्कर्मों का पुण्य हमेशा बना रहता है.
4. बता दें कि इस दिन पूजा का विशेष मुहूर्त सुबह 07 बजकर 49 मिनट से दोपहर 12 बजकर 20 बजे तक रहेगा. इस दौरान पूजा स्थान पर एक छोटी चौकी पर लाल या गुलाबी रंग का कपड़ा बिछा लें.
5. इसके बाद चौकी पर श्री यंत्र स्थापित करें. मां लक्ष्मी का स्मरण करें.
बता दें कि इसके बाद श्रीयंत्र की पूजा लाल पुष्प, अक्षत, कमलगट्टा, रोली, चंदन, धूप, दीप आदि से करें.
6. घी का दीपक श्रीयंत्र के दाएं तरफ रखें और मां लक्ष्मी की पूजा करें, इसके बाद मां को उनकी प्रिय चीजें जैसे सफेद बर्फी, खीर और बताशे आदि का भोग लगाएं.
करें मां लक्ष्मी के महामंत्र का जाप
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार श्री यंत्र और मां लक्ष्मी की पूजा विधिपूर्वक करने के बाद मां लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें.
महालक्ष्मी मंत्र
- ओम श्रीं क्लीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा
- ओम श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ओम महालक्ष्मी नमः मंत्र
बता दें कि इन दोनों ही मंत्रों का जाप कम से कम 108 बार कमलगट्टे की माला से करने पर शुभ फलों की प्राप्ति होती है. इन मंत्रों के जाप से सुख-समृद्धि में अपार वृद्धि होती है और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है. श्री यंत्र की पूजा करने के बाद मां लक्ष्मी और गणेश जी की आरती करें. पूजा के दौरान जलाए दीपक को पूरे घर में लेकर जाएं. श्री यंत्र को पूजा के बाद तिजोरी में रख दें और नियमित रूप से उसकी पूजा करें.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)