गडकरी का बाहर आया दर्द; कहा- जिन्हें ‘बड़ा’ समझता रहा, वे ‘बहुत छोटे’ लोग निकले !
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गडकरी का बाहर आया दर्द; कहा- जिन्हें ‘बड़ा’ समझता रहा, वे ‘बहुत छोटे’ लोग निकले !

मरकज़ी वज़ीर नितिन गडकरी (Union minister Nitin Gadkari) अपने काम और मुख़ालेफीन पर की गई मज़म्मत (आलोचना) के लिए जाने जाते हैं. मुंबई में उन्होंने अपने एक दोस्त के बहाने कुछ लोगों को निशाना बनाया है. 

क्रिटिसाइज़

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी

मुंबईः मरकज़ी वज़ीर नितिन गडकरी (Union minister Nitin Gadkari) हमेशा अपने बेबाक बयानों के लिए जाने जाते हैं. वह अपने तंजिया लहजे में किसी पर भी निशाना साधने से पीछे नहीं हटते हैं, भले ही सामने वाला शख़्स उनकी पार्टी और सरकार का ही क्यों न हो ? गडकरी ने सनीचर को जो कुछ कहा है, वह न सिर्फ उनकी पार्टी के लिए ख़ुद के गिरेबान में झांकने के लिए इशारा कर रहा है बल्कि इसमें उनका दर्द भी साफ झलक रहा है. 

"दिल्ली का ‘पानी’ अच्छा नहीं है’’ 
गडकरी ने कहा कि उन्होंने महाराष्ट्र को दिल्ली से बेहतर पाया और उनका तजुर्बा यह रहा है कि जिन लोगों को वह ‘बड़ा’ समझते थे, उन्हें क़रीब से देखने पर वे ‘बहुत छोटे’ लोग निकले. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सीनियर लीडर ने यहां एक प्रोग्राम में एक दोस्त के साथ हुई बातचीत का ज़िक्र किया है. गडकरी ने कहा कि जब उन्हें अपनी पार्टी यानी बीजेपी का सद्र चुना गया था तब वह दिल्ली में रहते थे. उन्होंने मुस्कुराते हुए तंज़िया लहजे में कहा, ‘दिल्ली का ‘पानी’ अच्छा नहीं है.’’ उन्होंने आगे कहा, ‘‘महाराष्ट्र बहुत अच्छा है. मुंबई बहुत अच्छी है.’’ 

...और जिन्हें मैं छोटा समझता था वह बड़े लोग थे 
गडकरी की इन बातों को सुनकर वहां मौजूद लोगों ने ज़ोरदार ठहाके लगाए. बीजेपी लीडर ने कहा, “मैंने अपने दोस्त को यह भी बताया कि जिन लोगों को मैं क़द्दावर मानता था, जब मैं उनके क़रीब गया, तो मुझे एहसास हुआ कि वे उतने क़द्दावर नहीं थे, जितना मैंने सोचा था. वे छोटे थे. और जिन्हें मैं छोटा समझता था... जब मैं उनके क़रीब गया तो पाया कि वे क़द्दावर थे. यह मेरी ज़िंदगी का तजुर्बा रहा है.’’ 

पार्लियामानी बोर्ड से नितिन गडकरी को किया गया है बाहर 
ग़ौरतलब है कि गडकरी 2009 से 2013 तक भारतीय जनता पार्टी के सद्र रह चुके हैं. वह पहले 1995 से 1999 तक महाराष्ट्र में शिवसेना-भाजपा सरकार में मिनिस्टर थे. वह 2014 से नरेंद्र मोदी सरकार-1 में भी वज़ीर थे. इसी साल अगस्त महीने में बीजेपी ने गडकरी को पार्ठी के टॉप गवर्निंग बॉडी यानी पार्लियामोनी बोर्ड और सेंट्रल इलेक्शन कमेटी समिति से बाहर कर दिया था. पार्टी ने यह फैसला 2024 के लोकसभा चुनावों के मद्देनजर किया था. 

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