Israel: इजराइल इस बात के लिए फेमस है कि उसे जिससे खतरा होता है उसे वह तबाह कर देता है. कुछ ऐसा ही वह पाकिस्तान के साथ करने वाला था. हालांकि अमेरिका की वजह से यह नहीं हो पाया.
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Israel: इजराइल के लिए बात मशहूर है कि जब उसे किसी से खतरा होता है या तो वह उस पर लगातार नजर रखने लगता है, या फिर उस दुश्मन को तबाह कर देता है. छोटा सा देश इजराइल अपनी इंटेलिजें और टेक्नोलॉजी के लिए काफी फेमस है. क्या आपको पता है कि एक बार इजराइल पाकिस्तान पर हमला करने वाला था.
इजराइल नहीं चाहता था कि इस्लामाबाद एक न्यूक्लियर पावर बन जाए. इसी वजह से उसने इस पर हमला करने का प्लान बनाया था. पाकिस्तान आधिकारिक तौर पर मई 1998 में परमाणु-सशस्त्र राष्ट्र बना था. इस दौरान उसने बलूचिस्तान की चगाई पहाड़ियों में कई परमाणु परीक्षण किए थे.
हालांकि, इस्लामाबाद ने अपना परमाणु कार्यक्रम 1974 में ही शुरू कर दिया था, जब पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो ने प्रोजेक्ट-706 की शुरुआत की थी, जिसके बाद भारत ने मई 1974 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व में परमाणु परीक्षण किया था.
कुछ ही सालों में पाकिस्तान ने जरूरी परमाणु अवसंरचना इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप कर लिया था. देश तेजी से न्यूक्लियर वेपन बनाने की ओर तेजी से बढ़ रहा था, लेकिन परमाणु-सशस्त्र पाकिस्तान की संभावना भारत और इजरायल सहित उसके कई प्रतिद्वंद्वी देशों के लिए फिक्र का मुद्दा था.
1981 में, इजरायली वायुसेना ने इराक के काफी अंदर घुसकर हवाई हमला किया था और एक परमाणु रिएक्टर को तबाह कर दिया था. इस दौरान पाकिस्तानी अधिकारियों ने अपने न्यूक्लियर प्रोग्राम की हिफाजत पर फिक्र का इजहार किया था.
पाकिस्तान को फिक्र थी कि भारत-इजराइल का ज्वाइंट ऑपरेशन उनके परमाणु जगहों को निशाना बना सकता है, और उसकी फिक्र निराधार नहीं थीं. अब सार्वजनिक किए गए दस्तावेजों के मुकाबिक, रडारों ने मई 1998 के परमाणु परीक्षणों से पहले पाकिस्तानी एयर स्पेस में इजरायली एफ-16 विमानों को उड़ते हुए देखा था. हालांकि इजराइल को सुपरपावर के जरिए रोक लिया गया था.
इजराइल पाकिस्तान की परमाणु क्षमताओं को नष्ट करना चाहता था, लेकिन संयुक्त राज्य अमेरिका, जो उस समय पाकिस्तान का कट्टर सहयोगी था, ने इसकी अनुमति देने से इनकार कर दिया, और अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन ने इजराइल को पीछे हटने की चेतावनी दी थी.
उल्लेखनीय है कि बेंजामिन नेतन्याहू इजरायल के प्रधानमंत्री के तौर पर अपने पहले कार्यकाल में कार्यरत थे और उनके निर्देश पर ही संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के स्थायी प्रतिनिधि इसिडोर डोर गोल्ड ने जून 1998 में अपने पाकिस्तानी समकक्ष अहमद कमाल से मुलाकात की थी. लगभग उसी वक्त अमेरिका में इजरायल के राजदूत एलियाहू बेन-एलिसर ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष रियाज खोखर से मुलाकात की थी.
दोनों बैठकों के दौरान, इजरायली राजनयिकों ने अपने पाकिस्तानी डिप्लोमेट को आश्वस्त किया था कि इजरायल का पाकिस्तानी परमाणु स्थलों या उसके परमाणु शस्त्रागार पर हमला करने का कोई इरादा नहीं है.