Pakistan News: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को अल-कादिर ट्रस्ट मामले में 14 साल की जेल हुई है, वहीं उनकी बीवी बुशरा बीबी को सात साल की सजा सुनाई गई है.
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Pakistan News: पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान और उनकी बीवी बुशरा बीबी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. पूर्व पीएम इमरान खान को आज यानी 17 अक्टूबर को 14 साल की जेल की सजा सुनाई गई, जबकि उनकी बीवी बुशरा बीबी को खान के अल-कादिर यूनिवर्सिटी प्रोजेक्ट ट्रस्ट से जुड़े अधिकार के गलक इस्तेमाल और भ्रष्टाचार से जुड़े एक मामले में सात साल की सजा सुनाई गई है.
इमरान खान पर 1 मिलियन पाकिस्तानी रुपये ($3,500) का जुर्माना भी लगाया गया, जबकि बुशरा बीबी पर इसका आधा जुर्माना लगाया गया है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि अळ कादिर ट्रस्ट क्या और पूरा मसला क्या है. आइये जानते हैं पूरी डिटेल
अल-कादिर ट्रस्ट को 2019 में इमरान खान बनाया था. इस ट्रस्ट को बनाने का मकसद पाकिस्तान में गरीबों और ज़रूरतमंदों की मदद करना था. ट्रस्ट का पहला प्रोजेक्ट मियांवाली गांव में एक स्कूल बनाना था. स्कूल का नाम खान के पिता के नाम पर रखा गया था, जो एक टीचर थे. ट्रस्ट ने तब से अपनी गतिविधियों का विस्तार करके कई दूसरे परियोजनाओं को शामिल किया, जैसे बेघर लोगों को भोजन और आश्रय प्रदान करना, छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करना और अस्पताल और क्लीनिक चलाना आदि.
अल-कादिर ट्रस्ट मामले को आमतौर पर £190m मामले के तौर पर भी जाना जाता है. आरोप लगाया गया था कि इमरान और कुछ अन्य लोगों ने 2019 में 50 बिलियन रुपये - उस समय £190 मिलियन के बराबर - को एडजस्ट किया था, जो देश के प्रधानमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान ब्रिटेन की नेशनल क्राइम एजेंसी के जरिए पाकिस्तानी सरकार को भेजा गया था.
यह प्रॉपर्टी टाइकून की संपत्ति से जुड़ी हुई है, जिसे PTI के शासन के दौरान NCA के जरिए जब्त किया गया था. उस समय ब्रिटिश क्राइम एजेंसी ने कहा था कि यह पैसे पाकिस्तान सरकार को दिए जाने थे.
हालांकि, एनएबी ने दिसंबर 2023 में एक रेफरेंस फाइल किया, जिसके बाद 27 फरवरी, 2024 को इमरान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी के खिलाफ आरोप लगाए गए, जिसमें आरोप लगाया गया कि ब्रिटिश क्राइम एजेंसी के साथ समझौता हुआ और 3 दिसंबर, 2019 को तत्कालीन प्रधान मंत्री इमरान के जरिए गोपनीय समझौते की डिटेल बताए बिना इसे मंजूरी दे दी गई.
एनएबी का कहना है था यह तय किया गया था कि बिजनेस की तरफ से आए पैसों को सुप्रीम कोर्ट में जमा किया जाएगा, लेकिन, कुछ हफ्तों बाद संपत्ति के मालिक के साथ एक समझौते के बाद अल-कादिर ट्रस्ट की स्थापना की गई. जिसका कथित उद्देश्य एनसीए से मिले काले धन को कानूनी कवर प्रदान करना था.
अधिकारियों के जरिए मामले की जांच शुरू करने के बाद, इमरान को 9 मई, 2023 को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) से गिरफ्तार किया था. यह पहली बार था जब अपदस्थ प्रधानमंत्री को गिरफ्तार किया गया, इसके बाद पीटीआई समर्थकों के जरिए देश भर में हिंसक विरोध प्रदर्शन किया गया, जिसके दौरान उनके समर्थकों ने सैन्य और अन्य सरकारी प्रतिष्ठानों पर हमला किया और आग लगा दी.