Kolkata Rape Case: कोलकाता रेप केस में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान बेंच ने अस्पताल प्रशासन समेत पुलिस को जमकर फटकार लगाई. आइये जानते हैं पूरी डिटेल
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Kolkata Rape Case: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की घटना को "भयावह" बताया. स्वतः संज्ञान मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने में देरी को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार की खिंचाई की.
अदालत ने पूछा कि अस्पताल के अधिकारी तीन घंटे तक क्या कर रहे थे. अदालत ने कहा कि मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष ने इसे आत्महत्या का मामला बताने की कोशिश की. बेंच ने कहा,"ऐसा लगता है कि अपराध का पता तड़के ही चल गया था, मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने इसे आत्महत्या बताने की कोशिश की."
इसके साथ ही बेंच ने कोलकाता पुलिस को फटकार लगाई है, बेंच ने कहा कि कैसे भीड़ अस्पताल के कंपाउंड में घुस गई. अदालत ने वेस्ट बंगाल सरकार के उस फैसले पर भी सवाल उठाया, जिसमें घोष को दूसरे कॉलेज का प्रिंसिपल नियुक्त किया गया जबकि उनका आचरण जांच के दायरे में था.
कोर्ट ने कहा, "जब आर जी कर अस्पताल के प्रिंसिपल का आचरण जांच के दायरे में था, तो उन्हें तुरंत दूसरे कॉलेज में कैसे नियुक्त किया गया?" सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार को अपनी शक्ति का इस्तेमाल प्रदर्शनकारियों पर नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह राष्ट्रीय स्तर पर आत्म-विरेचन का समय है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ज्यादातर युवा डॉक्टर 36 घंटे काम करते हैं और कार्यस्थल पर सुरक्षित स्थिति सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय प्रोटोकॉल विकसित करने की आवश्यकता है. इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी नोट किया कि विकटिम के परिवार को कई घंटो तक डेड बॉडी नहीं देखने दी गई.
लाइव लॉ के मुताबिक, कोर्ट ने बंगाल सरकार के वकील से पूछा, "प्रिंसिपल क्या कर रहे थे? एफआईआर दर्ज नहीं की गई; शव माता-पिता को देर से सौंपा गया. पुलिस क्या कर रही है? एक गंभीर अपराध हुआ है, अपराध स्थल अस्पताल में है...वे क्या कर रहे हैं?" इसके साथ ही सीजीआई ने नोट किया कि एफआईआर मामला पेश आने के तीन घंटे बाद दर्ज की गई,
उन्होंने कहा, "अगर महिलाएं काम पर नहीं जा पा रही हैं और उनके लिए सुरक्षित माहौल नहीं है, तो हम उन्हें समानता से वंचित कर रहे हैं." बता दें, सरकारी अस्पताल के सेमिनार हॉल में महिला के साथ बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई. पुलिस ने कथित तौर पर अपराध करने के आरोप में एक नागरिक स्वयंसेवक को गिरफ्तार किया है.