Manipur News: मणिपुर में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. करीब 200 बदमाशों ने एसपी के घर पर हमला कर दिया और उनका अपहरण कर लिया. पूरी खबर पढ़ने के लिए स्क्रॉल करें.
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Manipur News: मणिपुर में हालात गंभीर होते जा रहे हैं. एसपी का अपहरण कर लिया गया है. पुलिस ने जानकारी दी है कि मंगलनार को मणिपुर में तनाव और बढ़ गया जब इम्फाल पूर्वी जिले में एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक का कथित तौर पर मैतेई संगठन अरमबाई तेंगगोल के कार्यकर्ताओं द्वारा अपहरण कर लिया. मणिपुर पुलिस ने एक बयान में कहा कि इम्फाल पूर्व के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमित सिंह को बाद में पुलिस और सुरक्षा बलों के जरिए की गई कार्रवाई में बचा लिया गया.
मणिपुर पुलिस के ऑपरेशन विंग में तैनात अधिकारी अमित सिंह को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है. बता दें, मंगलवार शाम के हमले में, कथित तौर पर अरामबाई तेंगगोल से जुड़े सशस्त्र कैडरों ने घर में तोड़फोड़ की थी और गोलियों से कम से कम चार वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया था. समाचार एजेंसी पीटीआई ने अज्ञात ऑफिसर्स का हवाला देते हुए बताया कि मणिपुर में ताजा तनाव बढ़ने के बाद सेना को बुलाया गया था और असम राइफल्स की चार टुकड़ियों को इंफाल पूर्व में तैनात किया गया था.
रिपोर्ट्स के मुताबिक यह हादसा मंगलवार शाम 7 बजे पेश आया था. मणिपुर पुलिस ने कहा कि लगभग 200 की संख्या में वाहनों में आए सशस्त्र बदमाशों ने अमित सिंह के आवास पर धावा बोला था. मणिपुर पुलिस ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा,"27 फरवरी, 2024 को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, आईडब्ल्यू, मोइरांगथेम अमित, एमपीएस के आवास पर गोलीबारी की घटना पेश आई है. वाहनों में आए लगभग 200 की तादाद में सशस्त्र बदमाशों ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, श्री मोइरांगथेम अमित सिंह के घर पर आवास पर हमला किया."
पुलिस ने आगे लिखा,"जानकारी मिलने पर अतिरिक्त सुरक्षा बल मौके पर पहुंचे. परिणामी पुलिस कार्रवाई में, दो व्यक्ति रबिनाश मोइरंगथेम, 24 वर्ष पुत्र एम. रंजन, क्वाकीथेल अखाम लीकाई और कंगुजम भीमसेन, 20 वर्ष पुत्र के. अबोसाना, खोंगमान बाशिखोंग को चोटें आईं और उन्हें जेएनआईएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया. घटना के बीच हथियारबंद बदमाशों ने एडिशनल एसपी और उनके एक साथी का अपहरण कर लिया. बाद में उन्हें क्वाकीथेल कोन्जेंग लीकाई इलाके से बचाया गया और मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए राज मेडिसिटी में भर्ती कराया गया. इस संबंध में मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच शुरू कर दी गई है."
पीटीआई ने अधिकारियों के हवाले से बताया कि इस अंधाधुंध गोलीबारी का कारण यह था कि संबंधित अधिकारी ने वाहन चोरी में कथित संलिप्तता के लिए समूह के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बाद, मीरा पैबिस (मेइतेई महिला समूह) के एक समूह ने उनकी रिहाई की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया और सड़कों को रोक दिया था.
घटना के बारे में विस्तार से बताते हुए, पुलिस अधिकारी के पिता एम कुल्ला ने कहा, "हमने हथियारबंद लोगों के घुसने के बाद उनसे बात करने की कोशिश की, लेकिन अचानक उन्होंने वाहनों और संपत्तियों पर गोलीबारी शुरू कर दी. इसलिए हमें अंदर भागना पड़ा और खुद को बंद करना पड़ा."