Karnataka: कर्नाटक के कुमार चंद्रशेखरनाथ स्वामी के खिलाफ पुलिस ने समन जारी किया है. पुलिस ने उन्हें 2 दिसंबर को पूछताछ के लिए बुलाया है. पूरी खबर पढ़ने के लिए स्क्रॉल करें.
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Karnataka: कुमार चंद्रशेखरनाथ स्वामी को पुलिस ने समन जारी किया है और 2 दिसंबर को पूछताछ के लिए बुलाया है. यह वहीं स्वामी हैं जिन्होंने मुसलमानों को मताधिकार से वंचित करने की बात कही थी, जिसके बाद माहौल काफी गर्मा गया था.
न्यूज एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक, संत को यह समन ऐसे समय में भेजा गया है जब भाजपा ने चेतावनी दी है कि अगर शक्तिशाली वोक्कालिगा संत को मुसलमानों को मताधिकार से वंचित करने के उनके बयान के लिए परेशान किया गया तो उन्हें इसके नतीजे भुगतने होंगे. उपरपेट पुलिस ने पहले संत के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी और अब उन्हें 2 दिसंबर को सुबह 11 बजे उनके सामने पेश होने को कहा है.
इस कदम से राज्य में बीजेपी और कांग्रेस सरकार के बीच विवाद और टकराव शुरू होने की संभावना है. कर्नाटक पुलिस ने भारत में मुसलमानों को मताधिकार से वंचित करने की मांग वाली उनकी विवादास्पद टिप्पणी के लिए शुक्रवार को स्वामी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. इस मामले में सैयद अब्बास नाम के एक शख्स ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी.
स्वामी विश्व वोक्कालिगा महासंघ मठ के चीफ हैं और यह बयान उन्होंने मंगलवार को एक प्रोग्राम के दौरान दिया. बेंगलुरु में भारतीय किसान संघ द्वारा आयोजित एक विरोध प्रदर्शन में चंद्रशेखरन ने मुसलमानों का वोटों का अधिकार छीनने की बात कही. बता दें, यह संगठन जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ा एक किसान संगठन है. इस प्रोग्राम का मकसद वक्फ बोर्ड के जरिए किसानों को दिए गए नोटिस की निंदा करना था.
स्वामी ने कहा, "राजनेता वोट बैंक की राजनीति और मुसलमानों के तुष्टीकरण में शामिल हैं. इसलिए, मुसलमानों को उनके मताधिकार का इस्तेमास करने से वंचित किया जाना चाहिए. ऐसा किया जाना चाहिए और वोट बैंक की राजनीति का अंत देश की प्रगति में मदद करेगा."
स्वामी ने कहा था कि पाकिस्तान में मुस्लिम बहुसंख्यकों को छोड़कर अन्य धर्मों के लोगों को वोट देने का अधिकार नहीं है और अगर भारत में भी यही तरीका अपनाया जाता है तो मुसलमान खुद को अलग रखेंगे और देश में शांति होगी. उन्होंने कहा, "हर कोई शांति से रह सकता है."
स्वामी के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद एक गंभीर राजनीतिक मोड़ आ गया है, शुक्रवार को कर्नाटक भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने उनसे मुलाकात की और पुलिस के जरिए उनके खिलाफ मामला दर्ज किए जाने पर "गंभीर परिणाम" भुगतने की चेतावनी दी.