Adani Group Stocks Fall: आज सुबह 'अदाणी समूह' के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली है. ये गिरावट अमेरिकी प्रोसिक्यूटर के गौतम अदाणी पर धोखाधड़ी के आरोप लगाने के बाद आई है. इस गिरावट का असर भारतीय शेयर बाजार पर भी देखने को मिला है.
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Gautam adani Charged: अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी पर अमेरिका में धोखाधड़ी का आरोप लगने के बाद आज सुबह 'अदाणी समूह' के शेयरों में भारी गिरावट आई है.अदाणी एंटरप्राइजेज, अडानी ग्रीन एनर्जी और अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस के शेयरों में शुरुआती कारोबार के दौरान 10 से लेकर 20 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई है.
अदाणी समूह के शेयरों में गिरावट का असर भारतीय शेयर बाजार पर भी देखने को मिला है. अगर निफ्टी की बात करें तो 187 अंक गिरकर 23,330 पर जा पहुंच गया, वहीं सेंसेक्स 549 कमजोर होकर 77,028 पर आ गया है. ग्रुप के शेयर में लगातार हो रही गिरावट अमेरिकी प्रॉसिक्यूटर के गौतम अदाणी पर रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के आरोप लगाने के बाद आई है.
अदाणी ग्रुप की कंपनियों के शेयर गुरुवार को इंट्रा-डे में 20 फीसदी तक गिरकर निचले लेवल पर आ गए. मामले में शामिल मुख्य कंपनी अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के शेयरों में बाजार खुलने के बाद 16 फीसदी या ₹225.85 से ₹1,185.90 की गिरावट देखी गई. इस बीच, अदानी समूह की प्रमुख कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड का शेयर 10 फीसदी या ₹282.00 की गिरावट के साथ ₹2,538.20 पर पहुंच गया.
बॉन्ड में भी हुई भारी गिरावट
इतना ही नही अदाणी समूह के डॉलर-मूल्यवान बॉन्ड में भी भारी गिरावट आई है. मार्च में अदाणी ग्रीन एनर्जी के नोट्स 15 सेंट तक गिर गए, जो अब तक का एक बड़ा रिकॉर्ड है, जबकि अदाणी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई के फरवरी 2030 के बॉन्ड 8.6 सेंट गिर गए.
यूएस एसईसी द्वारा अदाणी के खिलाफ क्या आरोप लगाए गए?
अमेरिकी प्रॉसिक्यूटर ने ब्रुकलिन न्यूयॉर्क की एक कोर्ट में दायर एक मामले में उद्योगपति गौतम अदाणी और उसके भतीजे समेत 8 लोगों पर अदाणी समूह को भारत में सौर ऊर्जा कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए $250 मिलियन (2,100 करोड़ रुपए) की रिश्वत देने की पेशकश की.
इसमें एसईसी ने गौतम अदाणी, सागर अदाणी और एज़्योर पावर ग्लोबल लिमिटेड के एक कार्यकारी सिरिल कैबनेस पर अमेरिकी निवेशकों को गुमराह करने और भारत सरकार के साथ बड़े पैमाने पर रिश्वत देने का आरोप लगाए हैं. वहीं एफबीआई के असिसटेंट डाइरेक्टर जेम्स डेनेही ने कहा कि उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक सबूतों को मिटाने और एफबीआई समेत अमेरिकी एजेंसियों को गुमराह करने और जांच में बाधा डालने की भी कोशिश की.
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