Jaunpur Mosque: क्या मंदिर तोड़कर बनाई गई अटाला मस्जिद? अदालत पहुंचा हिंदू संगठन
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Jaunpur Mosque: क्या मंदिर तोड़कर बनाई गई अटाला मस्जिद? अदालत पहुंचा हिंदू संगठन

Jaunpur Mosque: उत्तर प्रदेश के जौनपुर में मौजूद अटाला मस्जिद पर विवाद जारी है. हिंदू संगठन इस मामले को लेकर अदालत में पहुंचे हैं. उनका कहना है कि यह अटाला मस्जिद अटला मंदिर है.

Jaunpur Mosque: क्या मंदिर तोड़कर बनाई गई अटाला मस्जिद? अदालत पहुंचा हिंदू संगठन

Jaunpur Mosque: उत्तर प्रदेश के जौनपुर में मौजूद अटाला मस्जिद को हिंदू संगठन ने प्राचीन अटला देवी मंदिर बताया है. स्वराज वाहिनी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष संतोष कुमार मिश्रा ने पीस कमेटी जामा मस्जिद के खिलाफ अदालत में वाद दाखिल किया है. वादी के अधिवकता ने बहस के दौरान स्थाई निषेधाज्ञा की कोर्ट से मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने कहा कि प्रतिवादी पक्ष को सुनवाई का अवसर दिए बिना एक पक्षीय निषेधाज्ञा निर्गत किए जाने का कोई आधार नहीं है. इसलिए कोर्ट ने प्रतिवादी को नोटिस जारी करने का आदेश दिया. कोर्ट ने वादी के प्रार्थना पत्र पर मौके की आख्या अमीन के जरिए मांगने का आदेश दिया. इसके बाद अमीन जामा मस्जिद पहुंचे और जांच पड़ताल की. 

अटाला मस्जिद पर हंगामा
दरअसल स्वराज वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष संतोष कुमार मिश्रा ने पीस कमेटी जामा मस्जिद (अटाला मस्जिद) मोहल्ला सिपाह के खिलाफ वाद दायर किया कि नगर में 13वीं शताब्दी में तत्कालीन राजा विजय चंद्र ने अटला देवी की मूर्ति स्थापित कर मंदिर बनवाया था, जिसमें सनातन धर्म के लोग पूजा कीर्तन करते थे. 13वीं शताब्दी में मुगल तुर्क लुटेरे भारत पर आक्रमण करते रहे, जिसमें फिरोज शाह तुगलक ने जौनपुर पर आक्रमण किया. हिंदुओं का कत्ल किया और जौनपुर पर अपना आधिपत्य स्थापित कर लिया. उसने अटला देवी मंदिर की भव्यता देखकर उसमें तोड़फोड़ कराया. हिंदुओं के विरोध की वजह से पूरी तरह तोड़ नहीं पाया और मंदिर के खंभों पर ही मस्जिद का आकार दिया, जो वर्तमान में अटाला मस्जिद है. जहां इस्लाम धर्म के लोग नमाज आदि पढ़ते हैं.

अदालत में मस्जिद का मामला
जिला प्रशासन को 4 अक्टूबर 2023 को शिकायती प्रार्थना पत्र दिया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. प्रतिवादी बराबर धमकी दे रहे हैं और तोड़फोड़ का कार्य जारी है. वादी ने न्यायालय से मांग किया कि सनातन धर्मावलंबियों को वहां पूजा अर्चना करने का अधिकार दिया जाय. इस्लाम धर्म के व्यक्तियों का वहां से कोई वास्ता सरोकार नहीं है. प्रतिवादी को इस मंदिर परिसर में प्रवेश से पूर्ण रूप से बेदखल किया जाए. 

मस्जिद है
सोसल वर्कर कमाल आज़मी ने अटाला मस्जिद के मामले में कोर्ट व सर्वे टीम का सम्मन करते हुए कहा कि सर्वे होना चाहिये, जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए. उन्होंने कहा कि ये अटाला मस्जिद है. अटला देवी का मंदिर नहीं है. चाहे हिन्दू हो या मुस्लिम सभी का यही कहना है कि ये अटाला मस्जिद लोग झूठी अफवाह फैला रहे हैं.

प्रोफेसर ने बताया मंदिर
राजनीति शास्त्र के रिटायर प्रोफेसर अखिलेश्वर शुक्ला ने कहा कि कोर्ट जो सर्वे करा रहा है, वो सही है, सर्वे होना चाहिए. पहले ये अटला देवी मंदिर हुआ करता था. इस मंदिर में छेड़छाड़ किया गया है. अगर इसका सही सर्वे किया जाए, तो निश्चित ही ये अटला देवी का मंदिर होगा. जो लोग इस पर राजनीति कर रहे हैं, उनकी राजनीति खत्म हो जाएगी. इसलिए इसका जल्द से जल्द फैसला होना चाहिए.

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