नई दिल्लीः ब्रिटेन के घरेलू बाजार को उथल-पुथल का सामना करना पड़ रहा है. वहीं डोनाल्ड ट्रंप भी 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाले हैं और उनका चीन विरोधी रुख जगजाहिर है. इसके बाद ब्रिटेन की वित्त मंत्री रशेल रीव्स बीजिंग पहुंची हैं. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि रीव्स घरेलू बाजार की उथल-पुथल और ट्रंप की नाराजगी का खतरा मोल लेकर क्यों चीन गई हैं?
बीजिंग क्यों गईं रशेल रीव्स
रीव्स की यात्रा का उद्देश्य ब्रिटेन और चीन के बीच आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना बताया जा रहा है. वह उप प्रधानमंत्री हे लिफेंग समेत चीन के वित्त व वाणिज्यिक अधिकारियों से मुलाकात करेंगी. उन्होंने ब्रिटेन की साइकिल निर्माता कंपनी ब्रॉम्पटन के एक स्टोर के दौरे के दौरान कहा, 'ब्रिटिश सरकार का नंबर एक मिशन विकास करना है. अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए हमें दुनिया भर में निर्यात करने के सिलसिले में ब्रिटेन के व्यवसायों की मदद करने की जरूरत है.'
उन्होंने कहा कि उनकी यात्रा का उद्देश्य 'दुनिया भर में निर्यात और व्यापार करने वाली ब्रिटिश कंपनियों को फायदा पहुंचाना है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था (चीन) तक हमारी पहुंच बेहतर हो.' रीव्स की यात्रा का प्राथमिक उद्देश्य चीन-ब्रिटेन आर्थिक व वित्तीय वार्ता को पुनर्जीवित करना है.
2019 से नहीं हुई द्विपक्षीय वार्ता
दोनों देशों के बीच वार्षिक द्विपक्षीय वार्ता 2019 से निलंबित है. ब्रिटेन को उम्मीद है कि नए सिरे से बातचीत से उन बाधाओं को दूर करने में मदद मिलेगी, जिनका सामना ब्रिटेन के व्यवसायों को चीन में निर्यात या विस्तार करने के लिए करना पड़ता है.
ट्रंप के नाराज होने का है खतरा
वहीं अमेरिकी मीडिया आउटलेट पॉलिटिको ने अपनी रिपोर्ट में रीव्स के चीन दौरे से ट्रंप के नाराज होने की आशंका जताई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्रिटिश वित्त मंत्री बीजिंग की अपनी यात्रा के साथ एक जुआ खेल रही हैं, जिससे उन्हें डोनाल्ड ट्रंप की नाराजगी का जोखिम उठाना पड़ सकता है. वह ब्रिटिश अर्थव्यवस्था के लिए नकदी और निवेश की तलाश कर रही हैं. लेकिन अगर ट्रंप की नाराजगी अधिक खतरा पैदा कर सकती है क्योंकि ब्रिटेन अपने सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार को नाराज करने से बचना चाहेगा.
ट्रंप को चीन पर नरमी नहीं आएगी रास
एक बैंक लॉबिस्ट ने पॉलिटिको से कहा, 'चीन एक बढ़ता हुआ और अहम साझेदार है, लेकिन अमेरिका कहीं अधिक महत्वपूर्ण है और अब व्हाइट हाउस में एक ऐसा व्यक्ति आ गया है जो चीन के प्रति अत्यधिक शत्रुतापूर्ण है. इस यात्रा पर ट्रंप का ध्यान जाना बाकी है या कोई इस बारे में उन्हें बताए तो चीन पर नरमी के लिए ब्रिटिश सरकार पर ट्रंप, मस्क और अमेरिकी सोशल मीडिया की ओर से हमलों का एक और दौर देखने को मिलेगाो
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