Lal Bahadur Shastri Death Anniversary: जब शास्त्री ने बनाया लाहौर कब्जाने का प्लान, महज 10 मिनट का था खेला!

Lal Bahadur Shastri: पाकिस्तान में घुसने के इस फैसले के बाद से इस युद्ध का रुख बदल गया था. इस दौरान 7-20 सितंबर तक सियालकोट में भारत-पाक के बीच जमकर युद्ध हुआ. इस दौरान इंडियन आर्मी ने पाकिस्तान के 28 टैंकों पर कब्जा किया. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 11, 2025, 11:06 AM IST
  • लाहौर को कब्जाने का बनाया प्लान
  • पाक के 28 टैंकों पर किया कब्जा
Lal Bahadur Shastri Death Anniversary: जब शास्त्री ने बनाया लाहौर कब्जाने का प्लान, महज 10 मिनट का था खेला!

नई दिल्ली: Lal Bahadur Shastri: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को हुआ था. 11 जनवरी 1966 को उज्बेकिस्तान के ताशकंद में उनकी बड़ी रहस्यमयी तरीके से मौत हुई थी. साल 1965 को हुए भारत-पाक का युद्ध उनके कार्यकाल की सबसे अहम घटना थी. 

लाहौर पर कब्जाने का प्लान 
लाल बहादुर शास्त्री ने साल 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में 'जय जवान जय किसान' का नारा दिया था. इस जंग से जुड़ा एक बेहद ही मशहूर किस्सा है जब पूर्व पीएम ने 10 मिनट के अंदर लाहौर पर कब्जा करने का प्लान बना लिया था. इस जंग में उन्होंने सफलतापूर्वक भारत का नेतृत्व किया था.  

लाहौर को कब्जाने के लिए प्लान 
ये बात है साल 1965 की जब जम्मू-कश्मीर में हालात बुरी तरह से बिगड़ रहे थे. इस दौरान आधी रात को सेना के प्रमुख लाल बहादुर शास्त्री से मिलने पहुंचे. इस दौरान आर्मी चीफ ने पूर्व पीएम से कहा कि उन्हें कड़ा फैसला लेते  हुए पाकिस्तान को जवाब देना होगा. इस पर शास्त्री ने उनसे पूछा कि वह फिर ऐसा करते क्यों नहीं है? इसके जवाब में आर्मी चीफ ने कहा कि अब उन्हें दूसरी तरफ जवाबी मोर्चा खोलना होगा और पाकिस्तान को दूसरी ओर से घेरना होगा. सेना को लाहौर की तरफ भेजना होगा. इस अंतर्राष्ट्रीय सीमा को पार करना होगा. शास्त्री जी ने इसके जवाब में कहा,' कश्मीर में जब घुसपैठिए घुसे थे तो वो भी एक अंतर्राष्ट्रीय सीमा थी. आप लाहौर की ओर सेना को आगे बढ़ाएं और सीमा को पार कीजिए.' उन्होंने कहा,' मैं इसका अर्थ जानता हूं और तभी आपसे ऐसा करने के लिए बोल रहा हूं.'  पूर्व पीएम ने सेना प्रमुख से कहा था कि आप मोर्चे खोलिए और उसमें लाहौर को भी शामिल करें. 

बदल गई लड़ाई की रणनीति
पाकिस्तान में घुसने के इस फैसले के बाद से इस युद्ध का रुख बदल गया था. इस दौरान 7-20 सितंबर तक सियालकोट में भारत-पाक के बीच जमकर युद्ध हुआ. इस दौरान इंडियन आर्मी ने पाकिस्तान के 28 टैंकों पर कब्जा किया. वहीं आर्मी पाकिस्तान के पंजाब में घुसी और लाहौर के करीब पहुंचकर उसके अधिकतर हिस्सों को अपने कब्जे में ले लिया. आखिरकार संयुक्त राष्ट्र ( UN) के दखल के बाद 20 सितंबर 1965 को युनाइटेड नेशंस की सुरक्षा परिषद में युद्ध विराम के प्रस्ताव को पारित किया गया. 

रोकना पड़ा युद्ध 
पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान ने अंतर्राष्ट्रीय दबाव के आगे झुकते हुए पाकिस्तान के रेडियो पर सीजफायर की जानकारी दी और फायरिंग बंद करने का ऑर्डर दिया. वहीं इधर लाल बहादुर शास्त्री ने भी जंग को खत्म करने का ऐलान किया. भारत-पाक का यह युद्ध भले ही खत्म हो गया हो, लेकिन शास्त्री जी के नेतृत्व में पाकिस्तान के 710 स्क्वायर किलोमीटर भूमी अभी भी भारत के कब्जे में थी, जो लगभग आधी दिल्ली के बराबर थी.   

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