कंगाल पाकिस्तान को चढ़ी हथियारों की सनक, चीन से लेकर तुर्की तक के काट रहा चक्कर

आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को हथियारों की ऐसी सनक चढ़ी है कि चीन से लेकर तुर्की तक के पास लड़ाकू विमान खरीदने के लिए चक्कर लगा रहा है. पाकिस्तान की नजरें पांचवी पीढ़ी के लड़ाकू विमानों पर हैं. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 10, 2025, 09:54 PM IST
  • दुनिया का 'सबसे गुप्त' विमान J-35
  • KAAN के संभावित निर्यात पर हुई चर्चा
कंगाल पाकिस्तान को चढ़ी हथियारों की सनक, चीन से लेकर तुर्की तक के काट रहा चक्कर

नई दिल्लीः आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को हथियारों की ऐसी सनक चढ़ी है कि चीन से लेकर तुर्की तक के पास लड़ाकू विमान खरीदने के लिए चक्कर लगा रहा है. पाकिस्तान की नजरें पांचवी पीढ़ी के लड़ाकू विमानों पर हैं. यूरेशियन टाइम्स की रिपोर्ट की मानें तो इस्लामाबाद चीन से J-35 खरीदने की तैयारी में है. यही नहीं वह कथित तौर पर तुर्की के पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान KAAN पर सहयोग के लिए भी अंकारा के साथ चर्चा कर रहा है.

दुनिया का 'सबसे गुप्त' विमान J-35

अटकलें लगाने वाली रिपोर्ट्स की मानें तो पाकिस्तान वायु सेना ने 40 चीनी J-35 विमानों की खरीद को मंजूरी दे दी है, जिनकी आपूर्ति अगले दो वर्षों में की जानी चाहिए. J-35 एक मध्यम आकार का लड़ाकू विमान है. इसमें टेलप्लेन विंग कॉन्फिगरेशन और सतह पर हमला करने की क्षमता है. पाकिस्तानी वायु सेना (PAF) द्वारा विमान के अधिग्रहण से इसकी क्षमता में काफी बढ़ोतरी होगी. वहीं चीनी विशेषज्ञों ने दावा किया है कि J-35 दुनिया का 'सबसे गुप्त' विमान है.

KAAN के संभावित निर्यात पर हुई चर्चा

इसी तरह पाकिस्तान में हाल ही में आयोजित 8वीं पाक-तुर्क औद्योगिक एक्सपो संयुक्त कार्य समूह की बैठक में दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय रक्षा और औद्योगिक सहयोग पर चर्चा की, जिसमें पाकिस्तानी वायु सेना (PAF) को तुर्की के पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान KAAN के संभावित निर्यात भी शामिल था.

बता दें कि पाकिस्तान और तुर्की घनिष्ठ सहयोगी हैं. साल 2021 में दोनों देशों ने संयुक्त हथियार निर्माण करके रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक औपचारिक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे और तब से सगाई और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए ठोस प्रयास किए हैं.

भारत के पास नहीं है 5वीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की बात करें तो नई दिल्ली के पास 5वीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान नहीं है और वर्तमान योजनाओं के हिसाब से इसका प्रोडक्शन और इंडक्शन 2035 से पहले नहीं होने वाला है. अभी भारत अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक द्वारा GE-F404 टर्बोफैन जेट इंजन की आपूर्ति में लगातार देरी के कारण चौथी पीढ़ी के लड़ाकू विमान Tejas Mark-1A का उत्पादन करने के लिए संघर्ष कर रहा है.

चीन ने छठी पीढ़ी का लड़ाकू विमान उड़ाया

पिछले दिनों चीन ने कथित रूप से छठी पीढ़ी का लड़ाकू विमान उड़ाया. J-36 फाइटर जेट के कथित फोटो और वीडियो वायरल हुए थे. ये पारंपरिक लड़ाकू विमानों से काफी अलग है और लगभग 3 हजार किमी की अधिकतम गति से उड़ान भर सकता है.

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