राजीव गांधी के कहने पर अमिताभ ने लड़ा चुनाव, पूर्व CM को दी टक्कर... नतीजों ने चौंकाया!

 Amitabh Bachchan Lok Sabha Election: अमिताभ बच्चन ने अपने दोस्त राजीव गांधी के कहने पर 1984 में इलाहबाद सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा था. उनका मुकाबला पूर्व CM से था. अमिताभ ने कांग्रेस की टिकट पर यह चुनाव लड़ा था.

Written by - Ronak Bhaira | Last Updated : Mar 28, 2024, 03:47 PM IST
  • अमिताभ और राजीव गांधी थे दोस्त
  • राजीव ने इलाहबाद से अमिताभ को उतारा
राजीव गांधी के कहने पर अमिताभ ने लड़ा चुनाव, पूर्व CM को दी टक्कर... नतीजों ने चौंकाया!

नई दिल्ली: Amitabh Bachchan Lok Sabha Election: इस बार के लोकसभा चुनाव में बॉलीवुड के कई सितारे ओनी किस्मत आजमा रहे हैं. इनमें कंगना रनौत, शत्रुघ्न सिन्हा, हेमा मालिनी, रवि किशन और मनजो तिवारी शामिल हैं. इससे पहले भी गोविंदा, विनोद खन्ना और धर्मेंद्र देओल लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन ने भी राजनीति के क्षेत्र में हाथ आजमाया था. आइए, जानते हैं कि अमिताभ ने कब और किसके सामने चुनाव लड़ा था. 

राजीव ने निकाला तुरुप का इक्का
साल 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के दो महीने बाद लोकसभा के चुनाव थे. कांग्रेस ने राजीव गांधी को अपना PM का दावेदार बनाया. उत्तर भारत में 1977 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी बूरी तरह हारी थी. राजीव हिंदी बेल्ट में फिर से कांग्रेस को खड़ा करना चाह रहे थे. इसके लिए उन्हें एक ऐसे आकर्षक चेहरे की जरूरत थी जो इस इलाके में लोगों के वोट अपनी ओर खींच पाए. तब राजीव ने अपने दोस्त और मशहूर फिल्म अभिनेता अमिताभ को इलाहबाद से उतारने का फैसला किया. 

कद्दावर नेता से मुकाबला
इलाहाबाद अमिताभ की जन्मभूमि है, साथ ही तब यह हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़ हुआ करता था. बहुगुणा 1973 से 1975 तक यूपी के CM भी रह चुके थे. 1979 में देश के वित्त मंत्री भी रहे. उनका नाम देश के कद्दावर नेताओं में शुमार था. 1984 में वे इलाहाबाद से लोकदल की टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे. विपक्षी दल उनका पूरा समर्थन कर रहे थे. सियासी गलियारों में यही चर्चा थी कि हेमवती नंदन बहुगुणा को इस बार संसद पहुंचने से कोई नहीं रोक सकता.  

'छोरा गंगा किनारे वाला'
लेकिन राजीव ने अमिताभ के रूप में अपना तुरुप का इक्का चला. कांग्रेस से एंग्री यंग मैन के मैदान में उतरते ही चुनाव दिलचस्प हो गया. चुनावी राजनीति में माहिर माने जाने वाले हेमवती नंदन बहुगुणा को एहसास हो गया था कि उनकी चुनावी जमीन खिसक रही है. अमिताभ की पत्नी जया बच्चन ने भी इलाहबाद में घूम-घूमकर पति के लिए प्रचार किया. हेमवती मूलतः पौड़ी गढ़वाल के थे. इस कारण चुनाव बाहरी वर्सेस लोकल हो गया. लोगों की जबान पर 'छोरा गंगा किनारे वाला' गाना रहने लगा. 

जब आमने सामने हुए काफिला
एक बार तो अमिताभ बच्चन और हेमवती नंदन बहुगुणा का काफिला आमने-सामने हो गया. दोनों के समर्थकों ने नारेबाजी करना शुरू कर दी. प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए. लगा जैसे लड़ाई-दंगा हो सकता है. लेकिन अमिताभ ने सूझबूझ दिखाई. वे गाड़ी से उतरकर बहुगुणा के पास गए, उन्हें प्रणाम किया और आशीर्वाद लिया. फिर अमिताभ ने बहुगुणा को पहले निकलने के लिए कहा. इस तरह मामला शांत हो गया. 

क्या रहे नतीजे?
चुनाव हुए और रिजल्ट चौंकाने वाला आया. दिग्गज नेता हेमवती नंदन बहुगुणा अभिनेता अमिताभ बच्चन से 1.87 लाख के भारी मार्जिन से चुनाव हार गए. अमिताभ बच्चन को 2.97 लाख वोट मिले और बहुगुणा को 1.09 लाख वोट ही मिल सके. इस तरह अमिताभ बच्चन सांसद बने और देश की सर्वोच्च पंचायत यानी संसद पहुंचे. 

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