South Korea Political Crisis: साउथ कोरिया में महाभियोग लगाए गए राष्ट्रपति यून सुक योल को अरेस्ट कर लिया गया है. पुलिस ने 15 जनवरी बुधवार की सुबह उन्हें राष्ट्रपति भवन से गिरफ्तार किया है. भ्रष्टाचार जांच कार्यालय (CIO) ने बताया है कि यून को स्थानीय समयानुसार सुबह करीब 10:30 मिनट पर गिरफ्तार किया गया है.
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South Korea Political Crisis: साउथ कोरिया में महाभियोग लगाए गए राष्ट्रपति यून सुक योल को अरेस्ट कर लिया गया है. पुलिस ने 15 जनवरी बुधवार की सुबह उन्हें राष्ट्रपति भवन से गिरफ्तार किया है. भ्रष्टाचार जांच कार्यालय (CIO) ने बताया है कि यून को स्थानीय समयानुसार सुबह करीब 10:30 मिनट पर गिरफ्तार किया गया है. इसके पहले 3 जनवरी को गिरफ्तार करने पहुंची टीम वापस लौटना पड़ा था, लेकिन इस बार बड़ी तादाद में पुलिस टीम के साथ अधिकारी राष्ट्रपति आवास में घुसने में सफल रहे और मार्शल लॉ की घोषणा के एक महीने बाद राष्ट्रपति यूं सुक योल को गिरफ्तार कर लिया.
कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक,सुबह करीब 4.30 बजे ही अफसर राष्ट्रपति आवास के बाहर पहुंचने लगे थे. इस दौरान वहां बड़ी तादाद में यून समर्थक और विरोधी भी जमा हुए थे. हालांकि, प्रेसिडेंट हाउस के बाहर सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस व्यवस्था चाक-चौबंद थी. करीब 1000 पुलिस अफसरों की टीम ने राष्ट्रपति आवास में अलग-अलग रास्तों और सीढ़ियों के जरिए एंट्री की और यून को हिरासत में लिया.
यून को मौजूदा वारंट के तहत 48 घंटे तक हिरासत में रखा जा सकता है. जांचकर्ताओं को उसकी हिरासत बढ़ाने के लिए नए वारंट के लिए आवेदन करना होगा. बता दें कि, विधानसभा ने विपक्षी पार्टियों के 14 दिसंबर को उन पर विद्रोह का आरोप लगाते हुए महाभियोग चलाने के बाद यून को राष्ट्रपति पद से निलंबित कर दिया गया था.
CIO ने पेशकश को किया अस्वीकार
इस बीच, यून के वकील ने पुष्टि की कि महाभियोग लगाए गए राष्ट्रपति योल की टीम ने भ्रष्टाचार जांच कार्यालय (CIO) के सामने पेश होने की पेशकश की है. हालांकि, CIO ने इसे अस्वीकार कर दिया है. अब यून को लेकर आखिरी फैसला संवैधानिक न्यायालय करेगा.
क्या है पूरा मामला?
बता दें, यून सुक योल देश में 3 दिसंबर की रात को अचानक मार्शल लॉ लगाकर निशाने पर आए थे. उन्होंने इस फैसले के तुरंत बाद संसद में विशेष बल और हेलिकॉप्टर भेज दिए. हालांकि, विपक्षी पार्टियों के साथ उनकी पार्टी के सांसदों ने उनके आदेश को अस्वीकार करके उन्हें अपना फैसला वापस लेने के लिए मजबूर किया. इसके बाद राष्ट्रपति यून को 14 दिसंबर को महाभियोग का सामना करना पड़ा और तब से उनके अचानक लिए गए फैसले की आपराधिक जांच हो रही है.
यून ने जांच में नहीं किया यहयोग
राष्ट्रपति यून सुक योल के खिलाफ सियोल की कोर्ट ने अरेस्ट वारंट जारी किया था. साउथ कोरिया के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब किसी राष्ट्रपति के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया और पूछताछ के लिए उन्हें बार-बार तलब किया गया, लेकिन वो एक बार भी पुलिस के सामने इस जांच में सहयोग करने के लिए पेश नहीं हुए.