India-US Defence Deal: भारत में भी अब बनेगा तेजस MK2 इंजन! अमेरिका देगा ये 11 तकनीक, PM मोदी के दौरे से बंधी उम्मीद
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India-US Defence Deal: भारत में भी अब बनेगा तेजस MK2 इंजन! अमेरिका देगा ये 11 तकनीक, PM मोदी के दौरे से बंधी उम्मीद

US Technology Transfer: पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की अमेरिका (US) यात्रा भारत के लिए बड़ी सौगात ला सकती है. अमेरिका भारत को डिफेंस से जुड़ी प्रमुख मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलॉजी ट्रांसफर कर सकता है.

India-US Defence Deal: भारत में भी अब बनेगा तेजस MK2 इंजन! अमेरिका देगा ये 11 तकनीक, PM मोदी के दौरे से बंधी उम्मीद

PM Modi US Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) अमेरिका (US) की यात्रा पर जाने वाले हैं. पीएम मोदी 21 से 24 जून तक अमेरिका की अपनी पहली राजकीय यात्रा पर रहेंगे. उम्मीद है कि प्रधानमंत्री की अमेरिका की यात्रा के दौरान भारत-अमेरिका फाइटर जेट इंजन डील के हिस्से के रूप में भारत को कम से कम 11 'मेजर मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलॉजी' ट्रांसफर की जा सकती हैं. सूत्रों के हवाले से ये जानकारी मिली है. अपने 9 साल के कार्यकाल में पहली बार, पीएम मोदी 21-24 जून की आधिकारिक राजकीय यात्रा पर अमेरिका की यात्रा करेंगे, जिसमें स्टेट डिनर और कांग्रेस के जॉइंट सेशन को संबोधित करना शामिल है.

अहम टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की डील

द इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों ने कहा कि पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान अहम टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की डील को अंतिम रूप दिया जा सकता है. यह भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग के अनुरूप है, जो 'भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग के लिए नई रूपरेखा' पर आधारित है, जिसे 2015 में 10 साल के लिए रीन्यू किया गया था.

भारत-अमेरिका के बीच समझौता

सूत्रों के मुताबिक, भारत के स्वदेशी तेजस MK2 के लिए अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक के GE-F414 INS6 इंजन की डील पर 'सैद्धांतिक' समझौता है कि लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) Mk1A का एक एडवांस वर्जन जिसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड विकसित और निर्मित करेगा. सूत्रों ने कहा कि इंजन भारत में करीब 80 प्रतिशत वैल्यू और टेक्नोलॉजी के साथ एचएएल को ट्रांसफर किया जाएगा.

भारत को मिलेंगी प्रमुख मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलॉजी

सूत्रों के मुताबिक, भारत को GE-HAL लड़ाकू जेट इंजन डील के हिस्से के तौर पर कम से कम 11 प्रमुख मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलॉजी मिलेंगी, जो भारत में आसानी से उपलब्ध नहीं हैं. सूत्रों ने कहा कि डील के पार्ट के तौर पर ये टेक्नोलॉजी ट्रांसफर प्रोग्राम हो सकता है. भारत को कम्प्रेशन डिस्क और ब्लेड, मशीनिंग और अंदर के गर्म होने वाले पार्ट की कोटिंग, सिंगल क्रिस्टल टर्बाइन ब्लेड्स की कोटिंग और मशीनिंग, शाफ्ट बोटल की बोरिंग, जंग और गलाव को लेकर स्पेशल कोटिंग, पॉलिमर मैट्रिक्स कंपोजिट, पाउडर मेटलर्जी की मशीनिंग, लेजर ड्रिलिंग कम्बंशन और ब्लिस्क मशीनिंग को लेकर टेक्नोलॉजी ट्रांसफर होगी.

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