Bangladesh news: चीन-पाकिस्तान की टूल किट को समझना बहुत मुश्किल नहीं है. दोनों देश चाहते हैं बांग्लादेश में कट्टरपंथी ईको सिस्टम खड़ा हो, क्योंकि हिंदुओं को काटकर उनका नरसंहार करने में सिर्फ मोहम्मद यूनुस से ज्यादा हित पाकिस्तान और चीन का सधता है.
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Bangladesh Pakistan ties Vs India: बांग्लादेश संकट को लेकर ज़ी न्यूज़ की विराट और एक्सक्लूसिव कवरेज राजी है. दुनिया आज जान चुकी है कि बांग्लादेश कैसे पाकिस्तान की साजिश का शिकार हो गया? जिस हिंदुस्तान ने पूर्वी पाकिस्तान के मुसलमानों को पश्चिमी पाकिस्तान के जुल्मोसितम से आजादी दिलाकर उन्हें उन्हें खुली हवा में सांस लेने का मौका दिया था, वो 54 साल बाद उसी का विरोध करते हुए एक बार फिर पाकिस्तान के फेर में पड़कर गुलामी की जंजीरों की ओर बढ़ चला है. बंग-भंग रिटर्न में आज आपको बताएंगे कैसे बांग्लादेश के ताजा हालातों पर हिंदुस्तान से लेकर दुनियाभर में गुस्से की लहर है. हालात जल्द नहीं सुधरे तो 1971 की तरह एक बार फिर बंग भंग होने से कोई रोक नहीं सकता.
बांग्लादेश की गुलामी का काउंट डाउन शुरू?
बांग्लादेश की बर्बादी के ट्रांयगल में सबसे पहला नाम है पाकिस्तान का. पाकिस्तान, आज भारत विरोध के नाम पर बांग्लादेश की बलि लेने जा रहा है. बांग्लादेश में रोहिंग्या मुसलमानों को टेरर ग्रुप की तर्ज पर तैयार किया जा रहा है. Zee News को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक 250 से ज्यादा रोहिंग्या इस टेरर ट्रेनिंग का हिस्सा बनाए गए हैं. इस टेरर ट्रेनिंग को पाकिस्तान से आए आतंकी अंजाम दे रहे हैं. बांग्लादेश के एक आतंकी संगठन को ट्रेनिंग के लिए 2 करोड़ 80 लाख का फंड मिल चुका है. ये पैसा सऊदी अरब और मलेशिया से हवाला के जरिए बांग्लादेश पहुंचाया गया है.
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जगह बांग्लादेश... साजिश है पाकिस्तानी... और टारगेट है भारत
इन आतंकियों को सबसे पहले बांग्लादेशी हिंदुओं के खिलाफ हिंसा के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. जब हिंसा को लेकर सवाल उठेंगे तो बांग्लादेशी सरकार इन्हें NON STATE ACTORS करार देगी और हिंसा के दाग यूनुस सरकार के दामन पर नहीं पड़ेंगे.
चीन ने भी बांग्लादेश को निगलने की तैयारी शुरू कर दी
जब बांग्लादेश में कट्टरपंथी हिंदुओं के खिलाफ आग उगलनी शुरू की, उसी वक्त एक बांग्लादेशी कट्टरपंथी जमात शी जिनपिंग से मिलने बीजिंग पहुंची. चीन ने उनका रेड कारपेट बिछाकर स्वागत किया, मानो वो चरमपंथी नहीं महान समाजसेवी हो. बांग्लादेश के जमात-ए-इस्लामी के अलावा खलीफा मूवमेंट, खलीफा काउंसिल और इस्लामिक ऑर्डर पार्टी के 13 नेता भी बीजिंग गए. सब के सब चीनी मठाधीश जिनपिंग की कम्युनिस्ट पार्टी के आधिकारिक न्योते पर चीन पहुंचे, जहां उनकी खातिरदारी हुई.
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- नवंबर,2024 में पूर्व पीएम खालिदा जिया की पार्टी BNP के नेताओं ने चीन की यात्रा की.
- इसके बाद बांग्लादेश में हिंदुओं पर कट्टरपंथियों के हमलों का राउंड टू शुरु हुआ.
- खबर तो ये भी आई कि BNP और जमात-ए-इस्लामी के नेता कई जगह सीक्रेट मीटिंग कर चुके हैं
- जिसमें BNP और जमात-ए-इस्लामी के नेताओं ने मिलकर हिंदुओं पर हमले की रणनीति तैयार की.
क्यों हुआ ऐसा?
चीन-पाकिस्तान की टूल किट को समझना बहुत मुश्किल नहीं है. दोनों देश चाहते हैं बांग्लादेश में कट्टरपंथी ईको सिस्टम खड़ा हो, क्योंकि हिंदुओं को काटकर उनका नरसंहार करने में सिर्फ मोहम्मद यूनुस से ज्यादा हित पाकिस्तान और चीन का सधता है.
भारत की बदहाली का मंसूबा पाले पाकिस्तान भुखमरी के कगार पर है, फिर भी बाज नहीं आ रहा. बांग्लादेश की गुलामी का फायदा उठाकर चीन, भारत के खिलाफ नई जमीन तलाशने की फिराक में है. इसलिए वो ढाका में कठपुतली सरकार चाहते हैं. बांग्लादेश की सरकार चीन-पाकिस्तान के इशारे पर नाचेगी तब नॉर्थ-ईस्ट में उग्रवाद और भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर तनाव बढ़ाकर, भारत के खिलाफ नया सामरिक मोर्चा खोलने की हिमाकत हो सकती है.