चीन ने UN में फिर लगाया अड़ंगा, भारत और अमेरिका के दुश्मन साजिद मीर को बचाने के लिए किया वीटो
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चीन ने UN में फिर लगाया अड़ंगा, भारत और अमेरिका के दुश्मन साजिद मीर को बचाने के लिए किया वीटो

साजिद मीर अमेरिकी एजेंसी एफबीआई की मोस्ट वांटेड आतंकियों की लिस्ट में शामिल है. मुंबई हमलों के बाद अमेरिका ने साजिद मीर को आतंकियों की लिस्ट में शामिल किया था. 

चीन ने UN में फिर लगाया अड़ंगा, भारत और अमेरिका के दुश्मन साजिद मीर को बचाने के लिए किया वीटो

चीन ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में 26/11 के हमलों में वांटेड लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी साजिद मीर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के भारत और अमेरिका के प्रस्ताव पर अड़ंगा लगा दिया है. दरअसल, अमेरिका ने यूएन में प्रस्ताव दिया था कि आतंकी साजिद मीर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किया जाए. भारत ने भी अमेरिका के इस प्रस्ताव का समर्थन किया था. लेकिन चीन इस प्रस्ताव के पास होने के बीच में एक बार फिर रोड़ा बन गया है. इसके लिए चीन ने अपने वीटो पावर का इस्तेमाल किया है. इससे पहले सितंबर 2022 में भी चीन ने वीटो लगाकर इस प्रस्ताव को पास होने से रोक दिया था.

साजिद मीर भारत की 'मोस्ट वांटेड आतंकियों' की लिस्ट में शामिल है. यही नहीं अमेरिका ने भी उसके सिर पर 50 लाख डॉलर का इनाम रखा है. साल 2022 में पाकिस्तान की एक कोर्ट ने साजिद मीर को आतंकी फंडिंग मामले में 15 साल जेल की सजा सुनाई थी. इसके बाद उसे पाकिस्तान की जेल में कैद करके रखा गया था. हालांकि, साजिद मीर को लेकर पाकिस्तान के रूख पर सवाल उठते रहे हैं. क्योंकि पाकिस्तान एक बार ये भी दावा कर चुका है कि साजिद मीर मर चुका है.

हालांकि, अमेरिका समेत तमाम देशों ने पाकिस्तान की इस बात पर यकीन नहीं किया था और उसकी मौत के सबूत पेश करने के लिए कहा था. इसके बाद पाकिस्तान ने अप्रैल 2022 में दावा किया कि साजिद मीर को गिरफ्तार कर लिया गया है. इसके बाद खबर आई कि उसे पाकिस्तान की एक कोर्ट ने 15 साल जेल की सजा सुना दी. 

साजिद मीर अमेरिकी एजेंसी एफबीआई की मोस्ट वांटेड आतंकियों की लिस्ट में शामिल है. मुंबई हमलों के बाद अमेरिका ने साजिद मीर को आतंकियों की लिस्ट में शामिल किया था. जानकारी के मुताबिक, साजिद मीर 2001 से आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का मेंबर है. कहा जाता है कि 2006 से 2011 तक लश्कर-ए-तैयबा इसी के इशारे पर काम करता था.

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