Diwali 2022: पटाखों का दुष्प्रभाव कम करते हैं सांस के ये अभ्यास, दिनचर्या में शामिल करें ये प्राणायाम
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Diwali 2022: पटाखों का दुष्प्रभाव कम करते हैं सांस के ये अभ्यास, दिनचर्या में शामिल करें ये प्राणायाम

Benefits of pranayam: प्राणायाम यानी सांसों को साधने का अभ्यास (Breathing exercise) आपके मन, दिमाग और शरीर को स्वस्थ रखने का एक बेहतरीन विकल्प है. इस खबर में जानें वो एक्सरसाइज जिनके डेली रुटीन में शामिल करने से आपके फेफड़ों पर पटाखों से होने वाले प्रदूषण का प्रभाव कम पड़ेगा. 

फाइल

Diwali Safety Tips, Breathing Exercises: दीपावली (Deepawali) के पटाखों के धुएं और शोर से होने वाले दुष्प्रभावों से लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी जाती है. पटाखों से होने वाले प्रदूषण के कारण सांस की समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में स्वास्थ्य विशेषज्ञों और डॉक्टरों का कहना है कि पटाखों के धुएं से बचने के लिए जरूरी प्रयास यानी सेफ्टी टिप्स अपनाना जरूरी हैं. दरअसल धुएं में कई केमिकल और हानिकारक तत्व मौजूद होते हैं, जिससे फेफड़ों पर बुरा असर पड़ता है. ऐसे में फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए सभी लोगों को नियमित तौर पर सांस के अभ्यास करते रहने चाहिए.

1. कपालभाति प्राणायाम - कपालभाति एक बेहद शक्तिशाली श्वसन तकनीक है जिसे सांस के साथ पाचन अंगों के लिए भी लाभकारी माना जाता है. कपालभाति प्राणायाम (Kapalbhati Pranayam) आपकी एकाग्रता के स्तर को बढ़ाने के लिए एक बेहतरीन क्रिया है. कपालभाति के नियमित अभ्यास से जहां एक ओर फेफड़े स्वस्थ रहते हैं. वहीं दूसरी ओर श्वसन के माध्यम से शरीर में आने वाले हानिकारक तत्व भी इस अभ्यास के जरिए बाहर निकल जाते हैं. कपालभाति का नियमित अभ्यास शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार की सेहत के लिए कारगर है.

2. उज्जयी प्राणायाम - सांस की समस्याओं के जोखिम को कम करने के लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी को उज्जयी प्राणायाम के अभ्यास की सलाह देते हैं. इस श्वसन क्रिया के अभ्यास से फेफड़ों की शक्ति बढ़ती है. इस उज्जयी प्राणायाम को कई श्वसन विकारों जैसे अस्थमा-ब्रोंकाइटिस आदि से पीड़ित लोगों की सेहत में सुधार करने के लिए भी कारगर माना जाता है.

3. गहरी सांस का अभ्यास - श्वसन से संबंधित विकारों के जोखिम को कम करने और फेफड़ों की कार्यक्षमता को बढ़ावा देने में गहरी सांस वाले अभ्यास करना आपके लिए लाभकारी हो सकता है. पटाखों के प्रदूषण से फेफड़ों और श्वसन अंगों को क्षति होने का जोखिम होता है. ऐसे में आप इस अभ्यास की आदत बनाकर सांस की समस्याओं से बचाव कर सकते हैं.

अपनाएं ये तरीके

श्वसन तंत्र में किसी भी तरह की समस्या से जूझ रहे लोग हों या हार्ट के मरीज दोनों की हालत खराब वायु प्रदूषण की वजह से बिगड़ सकती है. ऐसे में इस दीवाली पर मेहमानों की भीड़भाड़ और व्यस्तता के बावजूद सबसे पहले से आप अपने शरीर का विशेष ध्यान रखें. आप अपनी दवाइयां वक्त पर लें. कोशिश करें कि दवाइयां छूटने न पाएं. समय-समय पर ब्लड प्रेशर चेक करते रहें. घबराहट होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह भी जरूर लें. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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