FM Nirmala Sitharaman: 2014 में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मोदी सरकार का पहला बजट पेश करते हुए तय की थी. इसके साथ ही 2019 से स्टैंडर्ड डिडक्शन 50,000 रुपये बनी हुई है.
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Union Budget 2023: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को देश का आम बजट पेश करने जा रही हैं. यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम पूर्ण बजट होगा. 2024 में मोदी सरकार की तरफ से अंतरिम बजट पेश किया जाएगा. इसी साल लोकसभा के चुनाव होने भी प्रस्तावित हैं. ऐसे में सरकार से उम्मीद की जा रही है कि इस बार का बजट लोकलुभावन होगा. वित्त मंत्रालय की तरफ से मिडिल क्लास को ध्यान में रखकर दिए गए प्रस्तावों पर विचार चल रहा है.
बजट में की जा सकती है घोषणा
सूत्रों ने बताया कि वित्त मंत्रालय अलग-अलग सरकारी विभागों की तरफ से भेजे गए ऐसे प्रस्तावों पर विचार कर रहा है, जिनसे मिडिल क्लॉस के बड़े हिस्से को लाभ मिले. इसकी घोषणा बजट में की जा सकती है. सरकार ने अभी तक आयकर छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये से अधिक नहीं की है, जिसे 2014 में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मोदी सरकार का पहला बजट पेश करते हुए तय की थी. इसके साथ ही 2019 से स्टैंडर्ड डिडक्शन 50,000 रुपये बनी हुई है.
मानक कटौती बढ़ाने की जरूरत
जानकारों का मानना है कि महंगाई के उच्च स्तर में सैलरीड क्लॉस को राहत देने के लिए आयकर छूट की लिमिट और मानक कटौती बढ़ाने की जरूरत है. वित्त मंत्री के हाल ही में दिए एक बयान ने मध्यम वर्ग में उम्मीद बढ़ा दी थी कि आगामी बजट में उन्हें कुछ राहत मिल सकती है. वित्त मंत्री ने कहा था कि वे इस वर्ग पर मौजूद दबाव से अवगत हैं. उन्होंने कहा था, 'मैं भी मध्यम वर्ग से हूं इसलिए मैं इस वर्ग पर दबाव को समझती हूं. मैं खुद को मध्यम वर्ग के साथ मानती हूं इसलिए मैं जानती हूं.'
80C में 1.50 लाख तक के निवेश पर छूट
सीतारमण ने कहा था, 'मैं इन समस्याओं को समझती हूं. सरकार ने उनके लिए बहुत किया है और लगातार कर रही है.' छूट सीमा और मानक कटौती में फेरबदल करने के अलावा वित्त मंत्रालय 80C के अंतर्गत निवेश छूट सीमा बढ़ाने की संभावनाओं पर भी विचार कर रहा है. इसमें जीवन बीमा, एफडी, बॉन्ड, आवासीय और पीपीएफ व अन्य सेवाएं आती हैं. फिलहाल इसके तहत 1.50 लाख रुपये तक के निवेश पर छूट है.
सूत्रों ने कहा कि स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम के लिए भुगतान पर भी विचार किया जा रहा है. सरकार निवेशकों को लाभ पहुंचाने के लिए पूंजीगत लाभ कर नियमों को भी आसान कर सकती है. इससे मध्यम वर्ग से आने वाले निवेशकों को लाभ होगा. (Input : PTI)
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