क्या है Pig Butchering Scam? जिसने Meta को किया परेशान! अचानक बंद किए 20 लाख फेसबुक अकाउंट्स
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क्या है Pig Butchering Scam? जिसने Meta को किया परेशान! अचानक बंद किए 20 लाख फेसबुक अकाउंट्स

Pig Butchering Scam ने ऑनलाइन नाक में दम करके रखा है. इस स्कैम में धोखेबाज लोग ऑनलाइन दोस्ती करके लोगों का विश्वास जीतते हैं और फिर उन्हें झूठी योजनाओं में पैसा लगाने के लिए मनाते हैं. अब मेटा ने बड़ा एक्शन लिया है.

 

क्या है Pig Butchering Scam? जिसने Meta को किया परेशान! अचानक बंद किए 20 लाख फेसबुक अकाउंट्स

Meta ने ऑनलाइन होने वाले धोखेबाजी के खिलाफ एक बड़ा कदम उठाया है, उन्होंने दो मिलियन से ज्यादा ऐसे अकाउंट्स को बंद कर दिया है जो 'Pig Butchering' नाम के एक खतरनाक स्कैम में शामिल थे. इस स्कैम में धोखेबाज लोग ऑनलाइन दोस्ती करके लोगों का विश्वास जीतते हैं और फिर उन्हें झूठी योजनाओं में पैसा लगाने के लिए मनाते हैं. ये योजनाएं अक्सर क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी होती हैं.

क्या है Pig Butchering Scam? 

ये शब्द थोड़ा अजीब लग सकता है, लेकिन ये एक ऐसी तकनीक है जिसका इस्तेमाल धोखेबाज लोग करते हैं. ये लोग लोगों का विश्वास जीतकर धीरे-धीरे उनसे सारा पैसा ले लेते हैं. ये लोग सोशल मीडिया, डेटिंग ऐप्स या फिर टेक्स्ट मैसेज के जरिए लोगों से संपर्क करते हैं. वो खुद को अच्छा इंसान बनाकर लोगों का विश्वास जीतते हैं और फिर उन्हें किसी नकली योजना में पैसा लगाने के लिए मनाते हैं. पहले वो लोगों को थोड़ा-थोड़ा पैसा निकालने देते हैं ताकि उनका विश्वास बढ़े, लेकिन बाद में वो सारा पैसा लेकर गायब हो जाते हैं.

कौन है इसके पीछे?

इन स्कैम को बड़े-बड़े अपराधी गिरोह चलाते हैं, जो ज्यादातर एशिया में हैं. ये गिरोह कंबोडिया, लाओस और म्यांमार जैसे देशों में लोगों को नौकरी के झूठे वादे करके अपने देश ले जाते हैं. एक बार वहां जाने के बाद, इन लोगों को धमकाया जाता है और उन्हें दूसरे लोगों को ठगने के लिए मजबूर किया जाता है. ये एक ग्लोबल परेशानी बन गई है. 2023 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 3 लाख लोग इन गिरोहों के चक्कर में फंसे हुए हैं और ये गिरोह हर साल करीब 64 अरब डॉलर चुरा लेते हैं.

कैसे काम करता है यह स्कैम?

- धोखेबाज लोग सोशल मीडिया या डेटिंग ऐप्स पर फर्जी अकाउंट बनाकर लोगों से दोस्ती करते हैं.
- वो लोगों को धीरे-धीरे अपने जाल में फंसाते हैं और उनका विश्वास जीतते हैं. 
- फिर वो लोगों को क्रिप्टोकरेंसी या किसी और नकली योजना में पैसा लगाने के लिए मनाते हैं. वो इसके लिए बहुत ही असली दिखने वाली फर्जी वेबसाइट या ऐप का इस्तेमाल करते हैं.
- पहले वो लोगों को थोड़ा-थोड़ा पैसा निकालने देते हैं ताकि उन्हें लगे कि ये योजना सच में काम करती है.
- लेकिन बाद में, जब लोग ज्यादा पैसा लगाते हैं या ज्यादा पैसा निकालना चाहते हैं, तो ये धोखेबाज लोग सारा पैसा लेकर गायब हो जाते हैं.

मेटा का एक्शन

Meta पिछले दो साल से इन ऑनलाइन स्कैम के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है. उन्होंने कई गैर-सरकारी संगठनों और पुलिस के साथ मिलकर इन धोखाधड़ी करने वाले गिरोहों की जांच की है, जो खासकर दक्षिण-पूर्व एशिया में एक्टिव हैं. पहले उन्होंने कंबोडिया पर ध्यान केंद्रित किया, लेकिन अब उन्होंने अपनी जांच को यूएई जैसे दूसरे देशों तक भी बढ़ा दिया है. Meta ने लाखों फर्जी अकाउंट्स को बंद किया है और अपनी जांच के बारे में जानकारी शेयर की है, ताकि लोग इन धोखेबाजों के जाल में न फंसें.

कैसे रहें सुरक्षित?

ऑनलाइन आने वाले अजनबियों के मैसेज या ऑफर्स पर कभी भी भरोसा न करें, खासकर अगर वो बहुत अच्छे लग रहे हों. अगर कोई व्यक्ति आपसे ऑनलाइन दोस्ती करता है और आपको किसी योजना में पैसा लगाने की सलाह देता है, तो सावधान हो जाएं. ये लोग अक्सर धोखा देते हैं. अगर आपको लगता है कि कुछ गड़बड़ है, तो तुरंत इसकी शिकायत करें, ताकि आप और दूसरे लोग सुरक्षित रहें.

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