India Pollution: प्रदूषण का असर हमारे स्वास्थ्य पर भी पड़ता है. लोग प्रदूषण को लेकर चिंतित रहते हैं. डायसन ने अपने वार्षिक ग्लोबल डस्ट स्टडी के निष्कर्षों को शेयर किया है, जिसमें भारत का प्रदर्शन काफी खराब रहा है. इसके बाद चीन, तुर्की, यूएई और दक्षिण कोरिया का नाम आता है.
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Pollution: आज कल प्रदूषण एक काफी बड़ा मुद्दा है. प्रदूषण का असर हमारे स्वास्थ्य पर भी पड़ता है. लोग प्रदूषण को लेकर चिंतित रहते हैं. डायसन ने अपने वार्षिक ग्लोबल डस्ट स्टडी के निष्कर्षों को शेयर किया है, जिसमें भारत का प्रदर्शन काफी खराब रहा है. भारत ने सबसे अधिक औसत वार्षिक PM2.5 स्तर दर्ज किए, जिसमें घर के अंदर PM2.5 का औसत माप 55.18 (μg/m³ था. इसके बाद रैंकिंग में चीन, तुर्की, यूएई और दक्षिण कोरिया का नाम शामिल है. घर के अंदर औसत वोलाटाइल ऑर्गेनिक कंपाउंड (VOCs) के मामले में भारत शीर्ष 10 देशों में 7वें स्थान पर है. इसके अलावा दिल्ली PM2.5 के स्तर में सबसे ऊपर है, जिसका वार्षिक औसत 69.29 है. इसके बाद बीजिंग, शंघाई, शेन्जेन और बुसान का नाम शामिल है.
घर के अंदर की हवा भी प्रदूषित
जानकारी के मुताबिक यह भी पाया गया कि सर्दियों में घर के अंदर हवा की गुणवत्ता बाहरी हवा से 15 प्रतिशत खराब होती है. धुएं को हमारे रहने की जगहों में फंसा देती है. भारत में सर्दियों के महीनों में घर के अंदर वायु प्रदूषण 41 प्रतिशत तक खराब हो जाता है. दिल्ली में तो यह स्तर 48 प्रतिशत तक पहुंच जाता है. भारत में घर के अंदर सबसे अधिक प्रदूषित अवधि सुबह 7 बजे से दोपहर के बीच होती है. इसका मतलब यह है कि लोग सुबह उठने के बाद से ही प्रदूषित हवा के संपर्क में आ जाते हैं.
यह अध्ययन PM2.5 और वाष्पशील कार्बनिक यौगिक (VOC) के पॉल्यूटैंट्स पर ध्यान केंद्रित करता है. PM2.5 का मतलब उन पार्टिकल्स से है जिनका डायमीटर 2.5 माइक्रोन जितना छोटा होता है, जो कि एक इंसान के बाल के डायमीटर का 1/25वां हिस्सा होता है. इनके स्रोतों में लकड़ी जलाने या गैस से खाना पकाने और गर्म करने जैसी गतिविधियां शामिल हैं. शामिल हैं। वहीं, VOC में बेंजीन और फॉर्मलडेहाइड जैसे गैसी पॉल्यूटैंटेस शामिल हैं, जो सफाई या गैस से खाना पकाने जैसी विभिन्न एक्टिविटीज से और डिओडोरेंट, बॉडी स्प्रे, मोमबत्तियों और घरेलू सामान जैसे उत्पादों से निकलते हैं.