Muslim population in the world: कट्टरपन के बावजूद दुनिया में मुस्लिम आबादी तेजी से बढ़ रही है. प्यू रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट के मुताबिक अगले 46 साल में ईसाईयत को पीछे छोड़कर इस्लाम दुनिया का सबसे बड़ा मजहब बन जाएगा. एक्सपर्टों का कहना है कि भविष्य में सऊदी अरब- इंडोनेशिया नहीं, बल्कि भारत इस्लाम का सबसे बड़ा गढ़ होगा.
रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में सबसे ज्यादा मुसलमान इस वक्त एशिया प्रशांत क्षेत्र में रहते हैं. इस इलाके में दुनियाभर में फैले मुसलमानों की करीब 61 फीसदी आबादी निवास करती है.
प्यू रिसर्च सेंटर के अनुसार, मिडिल ईस्ट और नॉर्थ अफ्रीका में इस वक्त 19.8 प्रतिशत मुसलमान रहते हैं. वहीं सहारा डेजर्ट के आसपास के अफ्रीका में 15 फीसदी और यूरोप में करीब 3 फीसदी मुस्लिम आबादी रहती है.
दुनिया की कुल आबादी में ईसाई करीब 2 अरब 40 करोड़ हैं. यह दुनिया का सबसे बड़ा मजहब है. इसके बाद मुसलमानों का नंबर है, जिनकी जनसंख्या 1 अरब 80 करोड़ है. लेकिन भविष्य में यह आंकड़ा बदल जाएगा.
एक्सपर्टों के मुताबिक ईसाई देशों में जन्म दर में गिरावट आ रही है, जिसकी वजह से वर्ष 2050 तक उनकी आबादी 35 फीसदी की रफ्तार से बढ़ेगी. वहीं मुस्लिमों की जनसंख्या 73 फीसदी की दर से बढ़ती चली जाएगी.
रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि 2070 तक ईसाइयत को पीछे छोड़कर इस्लाम दुनिया का सबसे बड़ा मजहब बन जाएगा. इसकी वजह दुनिया में इस्लाम का विस्तार नहीं बल्कि उनकी जनसंख्या में बढ़ोतरी से होगा.
दुनिया में मुस्लिम देशों की बात करें तो आबादी के हिसाब से इंडोनेशिया सबसे बड़ा देश है. इसके बाद पाकिस्तान का नंबर है, जबकि भारत तीसरे नंबर पर आता है. वहीं मक्का- मदीना की वजह से सऊदी अरब सबसे बड़ा गढ़ है.
रिपोर्ट में भविष्यवाणी की गई है कि अगले 26 सालों में दुनिया में काफी कुछ बदल जाएगा. वर्ष 2030 तक इंडोनेशिया को पीछे छोड़कर पाकिस्तान दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम मुल्क बन जाएगा. लेकिन ऐसा केवल कुछ वर्षों के लिए होगा.
प्यू रिसर्च के अनुसार भारत में मुस्लिमों की आबादी तेजी से बढ़ती रहेगी और वर्ष 2050 में पाकिस्तान को पीछे छोड़कर भारत दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम मुल्क बन जाएगा. हालांकि सनातन धर्म फिर भी नंबर वन रहेगा लेकिन उसका प्रभाव घट जाएगा.
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