महाकाल ज्योतिर्लिंग धाम: महाकालेश्वर धाम में शिवलिंग की जांच करने के लिए भोपाल से GSI टीम पहुंची है. टीम ने बाबा को अर्पित होने वाली भस्म, जल, पंचामृत और भांग के सैम्पल लिये हैं.
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Mahakal Mandir Ujjain: मध्यप्रदेश के उज्जैन नगर में स्थित महाकाल मंदिर लाखों-करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है. इस ज्योतिर्लिंग धाम में शिवलिंग की जांच करने के लिए एक बार फिर भोपाल से GSI टीम महाकाल मंदिर पहुंची है. टीम सोमवार देर शाम पहुची थीं और मंगलवार सुबह बाबा को अर्पित होने वाले पंचामृत, भस्म, जल, भांग व अन्य के सैम्पल लेकर टीम वापस रवाना हो गई. हालांकि टीम ने रिपोर्ट आने तक कुछ भी कहने से साफ मना कर दिया है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पहुंची टीम
GSI की ये टीम हर साल सर्वे करने के लिए महाकाल मंदिर में आती है. यह टीम वर्ष 2019 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश के चलते महाकाल मंदिर आती है. दरसअल कई सालों से मंदिर में शिवलिंग को लेकर लगातार यह चर्चा हो रही है कि शिवलिंग का क्षरण हो रहा है. शिवलिंग क्षरण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर वर्ष 2019 में आर्किलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) और जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (GSI) की समिति का गठन किया गया था. इसके बाद यह जांच टीम हर साल सर्वे के बाद कोर्ट को रिपोर्ट देती है. इस साल भी 7 सदस्यी दल भोपाल शिवलिंग के क्षरण की जांच करने के लिए आया था.
आ चुकी हैं ASI व अन्य टीमें
आपको बता दें वर्ष 2017 में मामला सुप्रीम कोर्ट पहुँचा था और वर्ष 2019 में ये फैंसला सुप्रीम कोर्ट की और से आया था कि प्रतिवर्ष GSI की टीम शिवलिंग की जांच करे और रिपोर्ट सौंपे. साथ ही ASI टीम मंदिर के स्ट्रक्चर को लेकर भी रिपोर्ट सौंपे. इसी निर्देश पर इस साल भी GSI टीम आई और अब लैबोरेटरी में सैंपल्स की टेस्टिंग के बाद रिपोर्ट का खुलासा होगा.
2 साल पहले कही थी ये बात
टीम ने 2021 की जांच रिपोर्ट में चिंता जताई थी कि दिए गए निर्देशों का मंदिर समिति द्वारा पालन नहीं किया गया. अब टीम की इस रिपोर्ट में क्या निकलता है ये तो आने वाला समय ही बताएगा. सम्भवतः रिपोर्ट के बाद ही आमजन को गर्भ ग्रह में प्रवेश मिल सकेगा. क्योंकि बीते 5 माह से आम भक्तों का गर्भ गृह में प्रवेश प्रतिबंधित है.
(इनपुट- राहुल सिंह राठौड़)