Geeta Ka Gyan: भूलकर भी ना करें इन 7 लोगों का अपमान, गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने है बताया
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Geeta Ka Gyan: भूलकर भी ना करें इन 7 लोगों का अपमान, गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने है बताया

Shrimadbhagavat Gyan: श्रीमद्भागवत में भगवान श्रीकृष्ण ने इन सात लोगों का सम्मान और आदर करने की बात कही है. भगवान श्रीकृष्ण ने स्पष्ट किया है इनके प्रति गलत विचार रखना व्यक्ति के लिए विनाशकारी हो सकता है.

Geeta Ka Gyan By Shri Krishna

Shrimadbhagavat Puran: श्रीमद्भागवत, एक धार्मिक ग्रंथ है जो भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान रखता है. इसमें भगवान श्रीकृष्ण ने ऐसे सात विशेष प्रकार के चीजों के बारे में बताया है, जिनके प्रति अपमानजनक विचार नहीं होने चाहिए. श्रीमद्भागवत में श्री कृष्ण कहते हैं कि जो इनका अपमान करते हैं, वैसे व्यक्ति का धन, सुख-समृद्धि और पुण्य नष्ट हो जाता है.

देवता
भारतीय संस्कृति में देवताओं का महत्वपूर्ण स्थान है. देवताओं के प्रति अवज्ञा या अविश्वास का परिणाम विनाशकारी हो सकता है. इसलिए, उनका आदर करना चाहिए और उन्हें अपमानित नहीं करना चाहिए. देवता का अपमान करना प्राकृतिक संतुलन को बिगाड़ने के समान है.

वेद
वेद, भारतीय संस्कृति के अद्भुत और प्राचीन ग्रंथ हैं. उनमें ज्ञान और विज्ञान के अनगिनत रहस्य हैं. वेदों का तिरस्कार करना या उन्हें अपमानित करना अशुभ माना जाता है.

गाय
गाय को हिंदू धर्म में मातृत्व का प्रतीक माना जाता है और उसे पूजनीय माना जाता है. गाय का आदर करना और उसका संरक्षण करना भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण है. गाय की अपमान करने वाले लोगों से धन और सुख-समृद्धि छीन जाती है.

ब्राह्मण
ब्राह्मण, ज्ञान और धार्मिकता के प्रतीक के रूप में समझे जाते हैं. उन्हें सम्मान और आदर देना चाहिए. उनका अपमान या तिरस्कार करने वाले लोग सभी सुखों से वंचित हो जाता है.

क्षत्रिय
क्षत्रिय, प्राचीन काल से लोगों की रक्षा करते आ रहे हैं. ये राजा और सेनापतियों का वर्ग है. अपने जान की परवाह किए बिना क्षत्रिय समाज अपने सम्राज्य और प्रजा के लिए युद्ध करते थे. इनका अपमान करना समाज में अशांति फैलाने के समान है.

धर्म
धर्म, जीवन की रहनुमाई और मार्गदर्शन प्रदान करता है. धर्म के विषय में अनावश्यक और गलत टिप्पणी से बचना चाहिए. 

साधु
साधु, धार्मिकता और अध्यात्मिकता के प्रतीक हैं. उन्हें सम्मान देना चाहिए और उनके प्रति अपमान या अविश्वास को भावना नहीं रखना चाहिए. इनका अपमान करना आत्मिक विकास को रोकने के समान है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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