Odisha: उस पौधे की जड़ में क्या था? चुराने के चक्कर में सलाखों के पीछे पहुंचे चार लोग
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Odisha: उस पौधे की जड़ में क्या था? चुराने के चक्कर में सलाखों के पीछे पहुंचे चार लोग

Odisha News: ओडिशा के भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान में एक औषधीय पौधे की चोरी ने चार लोगों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया. जिस पौधे की जड़ों को लेकर यह मामला हुआ वह सिर्फ औषधीय गुणों के लिए ही नहीं बल्कि पर्यावरण संरक्षण के लिए भी बेहद खास है.

Odisha: उस पौधे की जड़ में क्या था? चुराने के चक्कर में सलाखों के पीछे पहुंचे चार लोग

Odisha News: ओडिशा के भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान में एक औषधीय पौधे की चोरी ने चार लोगों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया. जिस पौधे की जड़ों को लेकर यह मामला हुआ वह सिर्फ औषधीय गुणों के लिए ही नहीं बल्कि पर्यावरण संरक्षण के लिए भी बेहद खास है. आइये आपको बताते हैं इस पौधे के बारे में और इस चौंकाने देने वाले चोरी के मामले के बारे में.

मैंग्रोव जंगल में पकड़े गए चोर

भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान के कालीभंजडीहा जंगल में रविवार को वन विभाग की गश्ती टीम ने चार लोगों को रंगे हाथों पकड़ा. ये लोग जंगल से महत्वपूर्ण मैंग्रोव प्रजाति सलासिया की जड़ें और तने काटकर ले जा रहे थे. वन अधिकारियों ने इन्हें तुरंत गिरफ्तार कर लिया और उनके कब्जे से चोरी की गई सामग्री जब्त कर ली.

औषधीय गुणों से भरपूर पौधा

सलासिया को स्थानीय भाषा में बटारा कहा जाता है. यह एक औषधीय पौधा है. इसका इस्तेमाल मधुमेह और रक्त शर्करा के इलाज में किया जाता है. इस पौधे की जड़ों में ऐसे तत्व पाए जाते हैं. जो स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी माने जाते हैं. यही वजह है कि इसकी मांग बढ़ती जा रही है और इसे अवैध रूप से काटने की घटनाएं सामने आ रही हैं.

पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने की कोशिश

भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान में मैंग्रोव के जंगल पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं. ये जंगल न सिर्फ तटीय इलाकों को प्राकृतिक आपदाओं से बचाते हैं बल्कि जैव विविधता को भी संरक्षित रखते हैं. ऐसे में मैंग्रोव वृक्षों की कटाई पर्यावरण के लिए बड़ा खतरा बन सकती है.

गांव के बाहरी इलाकों से जुड़े आरोपी

गिरफ्तार किए गए चारों आरोपी राष्ट्रीय उद्यान के बाहरी इलाकों में स्थित गांवों के निवासी हैं. ये लोग सलासिया की जड़ों और तनों को अवैध रूप से काटकर बेचने की कोशिश कर रहे थे. वन अधिकारियों ने इन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया है और इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है. वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गश्ती दल की सतर्कता के कारण यह मामला उजागर हुआ. उन्होंने कहा कि भितरकनिका के जंगलों में अवैध कटाई को रोकने के लिए निगरानी और कड़ी की जाएगी.

कानूनी कार्रवाई और सजा

गिरफ्तार आरोपियों पर आरक्षित वन क्षेत्र में पेड़ों की अवैध कटाई का आरोप लगाया गया है. इस अपराध के लिए भारतीय वन अधिनियम के तहत सख्त सजा का प्रावधान है. अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई जंगल और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी है.

जंगलों की सुरक्षा में जनता की भूमिका

वन विभाग ने स्थानीय निवासियों से अपील की है कि वे जंगलों की सुरक्षा में सहयोग करें और अवैध गतिविधियों की जानकारी तुरंत अधिकारियों को दें. पर्यावरण की सुरक्षा सभी की जिम्मेदारी है और इसके लिए जागरूकता बेहद जरूरी है.

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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