Bijli Mahadev: यहां 'महादेव' पर हर 12 साल में गिरती है बिजली, टूट जाता है शिवलिंग; भक्तों को खरोंच भी नहीं आती; ऐसा है 'करिश्मा'
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Bijli Mahadev: यहां 'महादेव' पर हर 12 साल में गिरती है बिजली, टूट जाता है शिवलिंग; भक्तों को खरोंच भी नहीं आती; ऐसा है 'करिश्मा'

Bijli Mahdev mandir Kullu: भारत, आस्था का देश है, जहां ज्ञान-विज्ञान, संकल्प, अध्यात्मिक शक्तियों और भगवान की कृपा से कुछ भी असंभव नहीं है. पवित्र सावन में सनातनी श्रद्धालुओं का मेला लगा है. शिवभक्ति में डूबे करोड़ों 'भोले' महादेव का अभिषेक करने के लिए कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) से गंगा जल ला रहे हैं. यहां बात हिमाचल प्रदेश में स्थित बिजली महादेव (Bijli Mahdev temple Himachal Pradesh) के चमत्कार की.

Bijli Mahadev: यहां 'महादेव' पर हर 12 साल में गिरती है बिजली, टूट जाता है शिवलिंग; भक्तों को खरोंच भी नहीं आती; ऐसा है 'करिश्मा'

kBijli Mahdev Temple Kullu:  हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के कुल्लू में सात हजार 8 सौ फीट की ऊंचाई पर बिजली महादेव का मंदिर है. मान्यता है कि इस मंदिर में भक्तों को आसमान से गिरने वाली बिजली से बचाने के लिये महादेव खुद सामने आते हैं. श्रद्धालुओं को बिजली गिरने से कष्ट ना हो इसलिये भोलेनाथ खुद पर ही बिजली का प्रहार झेलते हैं. हर 12 साल के बाद बिजली महादेव मंदिर के शिवलिंग पर आसमानी बिजली गिरती है तब शिवलिंग टूटकर चकनाचूर हो जाता है. मंदिर के बाहर लगभग 50 फीट की ऊंचाई पर एक पेड़ पर लगे त्रिशूल से होते हुए बिजली सीधे शिवलिंग तक पहुंचती है. इसलिये इस मंदिर का नाम ही बिजली महादेव पड़ गया.

कड़कती बिजली गिरने के बावजूद भोलेनाथ के भक्त कैसे सुरक्षित रहते हैं?

हालांकि कई खंडों में बंटने के बावजूद महादेव का शिवलिंग रहस्यमय तरीके से दोबारा जुड़ जाता है. ऐसी मान्यता है कि मंदिर के पुजारी शिवलिंग के हर टुकड़े को इकट्ठा करते हैं. नमक, मक्खन और सत्तू का लेप लगाकर शिवलिंग को वापस एक साथ रखते हैं और ऐसा करने के कुछ समय बाद शिवलिंग वापस पहले जैसा ठोस बन जाता है. इस लेप के लगने के बाद ऐसा लगता है मानो कभी शिवलिंग को कुछ हुआ ही ना हो. हैरानी की बात है कि हर 12 साल में गिरनेवाली इस बिजली का कोई समय निर्धारित नहीं है. ये प्रहार सीधे शिवलिंग पर होता है. लेकिन कभी किसी भक्त को इससे चोट नहीं पहुंची है.

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बिजली महादेव की महिमा अपार

कुल्लू में बिजली महादेव का मंदिर पार्वती और ब्यास नदियों के संगम के करीब है. सावन में बिजली महादेव के दर्शन के लिये हजारों भक्तों की भीड़ पहुंचती है. भक्त मानते हैं कि भगवान जब भी इस इलाके के लोगों को किसी बुराई से बचाना चाहते हैं तो बिजली शिवलिंग से टकराती है. 12 साल में एक बार गिरनेवाली बिजली का रहस्य अबतक अनसुलझा है. हालांकि ऐसी भी मान्यताएं हैं कि आसमानी बिजली एक तरह का दिव्य आशीर्वाद है जिसमें कई शक्तियां मौजूद होती हैं. और इसकी वजह से ही कुल्लू शहर और यहां के लोग सुरक्षित रहते हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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