Snoring May Leads To Disease: खर्राटा एक ऐसी आदत है जिससे सीधे तौर पर आपके साथ या आसपास के लोगों को परेशानी होती है, हालांकि अक्सर लोग इस बात को नजरअंदाज कर देते हैं कि ये आदत खुद को भी अंदरूनी तौर पर बीमार कर सकती है. इसको लेकर किए गए रिसर्च में कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं.
एम्स भोपाल के एक्सपर्ट्स ने साल 2019 से 2023 तक 18 से 80 साल के 1,015 मरीजों पर रिसर्च किया. उन्होंने पाया कि स्नोरिंग की हैबिट डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर की परेशानियों में इजाफा कर सकती है, क्योंकि इस स्टडी में ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया का सीधा रिश्ता हाई शुगर, हाई बीपी और मेटाबॉलिक सिंड्रोम से होने के सबूत मिले हैं.
स्टडी की मानें तो खर्राटे से मोटापे के समेत कई अन्य परेशानियां पैदा हो सकती हैं, जिसमें हार्ट डिजीज और ब्रेन स्ट्रोक शामिल हैं. इसके लिए अस्पताल आईआईटी दिल्ली के साथ मिलकर ट्रीटमेंट के टूल्स तैयार कर रहा है. फ्यूचर में कंट्री मेड मशीनों से इलाज हो पाएगा.
ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (Obstructive sleep apnea) एक कॉमन डिजीज है जिसमें नींद के दौरान सांस की नली में रुकावट पैदा होती और बॉडी में ऑक्सीजन का लेवल कम हो जाता है. यानी आपकी नींद में खलल पड़ जाता है.
पल्मोनरी, क्रिटिकल केयर और स्लीप मेडिसिन के एचओडी डॉ. प्रो. अनंत मोहन ने कहा कि डिजीज के प्रिवेंशन के लिए लाइफस्टाइल चेंजेज, सर्जिकल ऑप्शंस और सीपीएपी अहम है. जब किसी को ये परेशानी होती है तो उसे दिन में ज्यादा नींद आना, स्लीप पैटर्न में डिस्टर्बेंस और जोर से खर्राटे लेने के लक्षण नजर आते हैं.
एम्स भोपाल के स्लीप एक्सपर्ट डॉ. अभिषेक गोयल ने बताया कि इस रिसर्च में समस्या गंभीर नजर आई है. स्टडी के आधार पर इलाज पर काम किया जा रहा है. अगर लोगों में इस बीमारी को लेकर अवेयरनेस फैलेगी तो वक्त पर इलाज कराएंगे तो परेशानी दूर हो सकती है.
डॉ. सौरभ मित्तल ने कहा कि ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया का पता लगाने के लिए एम्स में स्लीप एपनिया टेस्ट किया जाता है. एक साल में तकरीबन 600 लोगों का टेस्ट किया गया है. इस जांच में लगभग 90% पेशेंट में समस्या गंभीर नजर आई है.
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