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Wedding News: छत्तीसगढ़ के एक कस्बे में शुक्रवार को एक अजीब वाकया सामने आया, जब एक शादी में दुल्हन ने सरकारी नौकरी न होने के कारण शादी करने से इंकार कर दिया. यह घटना उस वक्त हुई, जब वरमाला के बाद शादी की अन्य रस्में पूरी हो चुकी थीं और फेरों से पहले दुल्हन ने अचानक अपना रुख बदल दिया. जानकारी के अनुसार, जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में तैनात लिपिक अपने बेटे के साथ बारात लेकर कस्बे के एक गेस्ट हाउस पहुंचे थे. यहां पड़ोस के गांव देवरान गढ़िया निवासी दुल्हन के पिता ने स्वागत किया और धूमधाम से विवाह की रस्में शुरू हुईं.
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वरमाला की रस्म पूरी होने के बाद टूटी शादी
गेस्ट हाउस में बारात का स्वागत करने के बाद दोनों पक्षों ने वरमाला की रस्म पूरी की और बाकी की रस्में भी संपन्न हुईं. लेकिन जब सुबह फेरों का समय आया तो दुल्हन के परिवार ने लड़के के पिता से उनके बेटे की नौकरी के बारे में पूछा. जागरण की खबर के मुताबिक, लड़के के पिता ने बताया कि उनका बेटा एक सिविल इंजीनियर है और एक प्राइवेट कंपनी में काम करता है. यह सुनते ही दुल्हन ने यह कहकर शादी से इनकार कर दिया कि उसे सरकारी नौकरी वाला दूल्हा चाहिए. वह प्राइवेट नौकरी वाले से शादी नहीं करेगी. यह सुनकर दोनों परिवारों के लोग चौंक गए.
सैलरी बन गई समस्या
दुल्हन के फैसले के बाद दोनों पक्षों के बीच वार्ता शुरू हुई, लेकिन दुल्हन और उसके परिवार ने अपनी बात पर अडिग रहते हुए शादी करने से मना कर दिया. इस बीच, समाज के कुछ लोग इकट्ठे हुए और दोनों पक्षों को शादी के लिए तैयार करने का प्रयास किया. दूल्हे ने अपनी पे स्लिप दिखाकर दुल्हन के परिवार को समझाने की कोशिश की, जिसमें उसके वेतन के रूप में 1,20,000 रुपये प्रतिमाह का आंकड़ा था, लेकिन इसके बावजूद दुल्हन अपनी जिद पर अड़ी रही.
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कैसे हुआ लेन-देन का हिसाब बराबर
आखिरकार, समाज के लोगों ने दोनों परिवारों के बीच समझौता करने की सलाह दी. दोनों पक्षों ने आपसी खर्चों का हिसाब किया और लेन-देन किया. इसके बाद, दूल्हा बिना दुल्हन के ही घर लौट गया. इस पूरे घटनाक्रम पर थानाध्यक्ष अनुराग मिश्रा ने बताया कि इस मामले के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है, और ना ही किसी पक्ष ने थाने में कोई शिकायत दर्ज कराई है.