Electric Vehicle: रुपये में व्यापार को बढ़ावा देने, निर्यात को 2030 तक बढ़ाकर 2,000 अरब डॉलर करने के लिए देश में 31 मार्च को नई विदेश व्यापार नीति लाई गई है. डेलॉयट इंडिया में अर्थशास्त्री रुमकी मजूमदार ने कहा कि इस नीति में दीर्घकालिक नजरिये से विनिर्माण और निर्यात क्षेत्र पर जोर दिया गया है.
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Foreign Trade Policy: देश लगातार कुछ न कुछ बदलाव हो रहे हैं. इस बीच हाल ही में नई विदेशी व्यापार नीति देश में लाई गई है. भारत में हाल में घोषित नई विदेशी व्यापार नीति (एफटीपी) 2023 की घोषणा की गई है. इससे कई सेक्टर्स पर असर पड़ने वाला है. वहीं नई विदेशी व्यापार नीति से ई-कॉमर्स, इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी और कृषि उपकरण जैसे क्षेत्रों से निर्यात को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी. विशेषज्ञों ने यह राय जताई है.
नई विदेश व्यापार नीति
रुपये में व्यापार को बढ़ावा देने, निर्यात को 2030 तक बढ़ाकर 2,000 अरब डॉलर करने के लिए देश में 31 मार्च को नई विदेश व्यापार नीति लाई गई है. डेलॉयट इंडिया में अर्थशास्त्री रुमकी मजूमदार ने कहा कि इस नीति में दीर्घकालिक नजरिये से विनिर्माण और निर्यात क्षेत्र पर जोर दिया गया है. इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बैटरी, हरित हाइड्रोजन और परिधान समेत अन्य क्षेत्रों को इस नीति से लाभ मिलेगा. इसके अलावा रुपये में व्यापार को बढ़ावा देने से भी राहत मिलेगी.
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होगा फायदा
मजूमदार ने कहा, ‘‘इससे बाहरी झटकों का सामना करने की क्षमता बढ़ेगी और अंतरराष्ट्रीय व्यापार में मोलभाव की क्षमता में भी सुधार आएगा.’’ नई विदेश व्यापार नीति से कारोबारियों को भी काफी लाभ होने की उम्मीद है. वहीं अलग-अलग सेक्टर्स भी इससे ग्रोथ हासिल कर सकते हैं.
नई नीति
इंडसलॉ में भागीदार शशि मैथ्यू ने कहा कि जिन अहम क्षेत्रों तक नई नीति का लाभ पहुंचेगा वे हैं ई-कॉमर्स, हरित प्रौद्योगिकी उत्पाद मसलन इलेक्ट्रिक वाहन, कृषि उपकरण आदि. उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) में आयात-निर्यात की राष्ट्रीय समिति के चेयरमैन संजय बुधिया ने कहा कि नई नीति से व्यापार धारणा को मजबूती मिलेगी और निर्यात में वैश्विक अगुवा बनने का भारत का महत्वाकांक्षी लक्ष्य पाने के प्रयास मजबूत होंगे.
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