White Lung Syndrome: चीन की तरह इस देश में भी फैल रही है रहस्मयी बीमारी, छोटे बच्चों को है खतरा
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White Lung Syndrome: चीन की तरह इस देश में भी फैल रही है रहस्मयी बीमारी, छोटे बच्चों को है खतरा

Child Pneumonia Outbreak: 'व्हाइट लंग सिंड्रोम' को लेकर वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन काफी चिंतित है, क्योंकि चीन के बाद इस साल एक और 'आउटब्रेक' का खतरा महसूस किया जा रहा है.

White Lung Syndrome: चीन की तरह इस देश में भी फैल रही है रहस्मयी बीमारी, छोटे बच्चों को है खतरा

White Lung Syndrome Symptoms: पिछले कुछ सालों में हमें कई अलग-अलग तरह की बीमारियों ने खौफजदा किया है. चीन के नए रहस्यमयी वायरस के बाद अब अमेरिका के ओहायो में 'व्हाइट लंग सिंड्रोम' के 142 से ज्यादा मामले सामने आए हैं. इस बात की पुष्टि वॉरेन कंट्री हेल्थ डिस्ट्रिक्ट की. महामारी को फैलता देख 'ओहायो डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ' की परिभाषा के अनुसार इसे आउटब्रेक करार दिया जा सकता है. हालांकि, अधिकारियों को नहीं लगता कि यह एक नई सांस से जुड़ी बीमारी है, बल्कि 'एक समय में आमतौर पर देखे जाने वाले निमोनिया के मामलों की तादात में एक बड़ा इजाफा है.'

'व्हाइट लंग सिंड्रोम' से बच्चों को खतरा
व्हाइट लंग सिंड्रोम से प्रभावित होने वाले बच्चों की औसत उम्र 8 साल है और सबसे छोटे बच्चे 3 साल के हैं. ये बच्चे टेस्ट माइकोप्लाज्मा निमोनिया, स्ट्रेप और एडेनोवायरस के लिए भी पाए गए हैं. इनमें कॉमन कोल्ड भी देखा गया है. वॉरेन कंट्री हेल्थ डिस्ट्रिक्ट के मुताबिक, लोकल हॉस्पिटल और प्राइमरी हेल्थकेयर इस बात का पता लगा रहे हैं कि ये बीमारी कैसे हुई और फिर इसे फैलने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं

चीन के बाद इन देशों में संक्रमण
ओहायो में ये आउटब्रेक ऐसे समय में सामने आया है जब वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने चीन से सांस से जुड़ी बीमारियों और बच्चों में निमोनिया कीवृद्धि के बारे में जानकारी मांगी है. हालांकि ओहायो चीन के बाहर एकलौता ऐसा क्षेत्र नहीं है जहां संक्रमण फैलने की खबर मिली है. नीदरलैंड और डेनमार्क में भी 'वॉकिंग निमोनिया' के मामलों में स्पाइक्स हुआ है, जिनमें छोटे बच्चों में बीमारी सबसे आम है.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
'सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल' एंड प्रिवेंशन के पूर्व डायरेक्टर डॉ. टॉम फ्रीडेन ने कहा, 'हालांकि हमारे पास वो सारी जानकारी नहीं है जो मैं चाहता हूं कि कौन बीमार हो रहा है और कब हो रहा है, हम मानते हैं कि जो हो रहा है उसे कभी-कभी 'इम्यूनिटी गैप' कहा जाता है, कि ऐसे साल थे जहां लोग लॉकडाउन के कारण संक्रमित नहीं हो रहे थे और इसलिए इन्फ्लूएंजा, आरएसवी,  कोविड और अन्य संक्रमण के प्रति अतिसंवेदनशील होते हैं.'

इस बीमारी से बच्चों को कैसे बचाएं?
फ्रीडेन के मुताबिक हमें अभी और इंवेस्टिगेट करने की जरूरत है, अगर कोई एक इंसान भी असुरक्षित है, हम सभी अनसेफ हो जाएंगे. व्हाइट लंग सिंड्रोम में कफ, बुखार और थकान जैसे लक्षण सामने आ रहे हैं. हेल्थ ऑफिशियल्स के मुताबिक इस बीमारी से बचने के लिए हमें भीड़-भाड़, सोशल गैदरिंग से बचना चाहिए. इसके अलावा हाथ धोते रहें, मास्क पहनें, बीमार होने पर घर पर ही रहें और डॉक्टर की सलाह पर जरूरी वैक्सीन जरूर लगवाए.

 

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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