Supreme Court: आपराधिक अपीलों के बढ़ते बोझ से निपटने की योजनाउच्चतम न्यायालय ने आपराधिक मामलों के निपटारे के लिए एक नई पहल का सुझाव दिया है. देश के कई उच्च न्यायालयों में आपराधिक अपीलों की संख्या तेजी से बढ़ रही है.
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Supreme Court: आपराधिक अपीलों के बढ़ते बोझ से निपटने की योजनाउच्चतम न्यायालय ने आपराधिक मामलों के निपटारे के लिए एक नई पहल का सुझाव दिया है. देश के कई उच्च न्यायालयों में आपराधिक अपीलों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. इसे देखते हुए प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली विशेष पीठ ने अस्थायी न्यायाधीशों की नियुक्ति की संभावना पर विचार किया है.
लंबित मामलों की चौंकाने वाली संख्या
विशेष पीठ ने बताया कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय में 63,000 से अधिक आपराधिक अपीलें लंबित हैं. इसी तरह, झारखंड में 13,000, कर्नाटक में 20,000, पटना में 21,000, राजस्थान में 8,000 और पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में 21,000 आपराधिक मामले अब तक लंबित हैं. यह स्थिति न्यायपालिका पर बढ़ते दबाव को दर्शाती है.
2021 के फैसले में संशोधन का प्रस्ताव
प्रधान न्यायाधीश ने 2021 के फैसले को आंशिक रूप से संशोधित करने की बात कही है. इस संशोधन के तहत, अस्थायी न्यायाधीशों की नियुक्ति केवल उन पीठों में की जाएगी, जो आपराधिक मामलों की सुनवाई कर रही हैं. साथ ही, इन पीठों की अध्यक्षता वर्तमान न्यायाधीश करेंगे.
न्यायाधीशों की संख्या पर निर्भर नियुक्तियां
पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि किसी उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या का 80 प्रतिशत हिस्सा कार्यरत है, तो वहां अस्थायी न्यायाधीशों की नियुक्ति की आवश्यकता नहीं होगी. यह कदम न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावी और सुचारू बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है.
अटॉर्नी जनरल को निर्देश
सर्वोच्च न्यायालय ने अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी को 28 जनवरी को इस मामले में सहयोग करने का निर्देश दिया है. यह मामला 2021 के एक महत्वपूर्ण फैसले से संबंधित है, जिसमें उच्च न्यायालयों में सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को अस्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश की गई थी.
लोक प्रहरी बनाम भारत संघ मामला
विशेष पीठ 2019 के लोक प्रहरी बनाम भारत संघ मामले की सुनवाई कर रही है. इस पर 2021 में निर्णय सुनाया गया था. अब पीठ इस फैसले के सुचारू कार्यान्वयन और लंबित मामलों के निपटारे में इसके प्रभाव पर विचार कर रही है.
न्यायपालिका के लिए नई दिशा
अस्थायी न्यायाधीशों की नियुक्ति का यह सुझाव न्यायपालिका को अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है. इससे न केवल लंबित मामलों का निपटारा तेज होगा बल्कि न्याय प्रणाली में आम जनता का विश्वास भी बढ़ेगा.
(एजेंसी इनपुट के साथ)