एक नए अध्ययन में चिंताजनक खुलासा हुआ है कि पिछले कुछ दशकों में उम्र बढ़ने के साथ-साथ बदलती लाइफस्टाइल की वजह से मेटाबॉलिज्म से जुड़ी समस्याओं में 50% तक का इजाफा हुआ है.
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एक नए अध्ययन में चिंताजनक खुलासा हुआ है कि पिछले कुछ दशकों में उम्र बढ़ने के साथ-साथ बदलती लाइफस्टाइल की वजह से मेटाबॉलिज्म से जुड़ी समस्याओं में 50% तक का इजाफा हुआ है. मेटाबॉलिज्म दरअसल वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा हमारा शरीर भोजन को ऊर्जा में बदलता है.
अध्ययन के अनुसार, अनहेल्दी खानपान, व्यायाम की कमी और तनाव जैसी चीजें मेटाबॉलिज्म को धीमा कर देती हैं. नतीजतन, शरीर में फैट तेजी से बढ़ता है और डायबिटीज, दिल की बीमारी और कुछ तरह के कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है.
अध्ययन में क्या पाया गया?
यह अध्ययन प्रतिष्ठित जर्नल 'नेचर मेडिसिन' में प्रकाशित हुआ है. इसमें शोधकर्ताओं ने पिछले 40 वर्षों के आंकड़ों का विश्लेषण किया. अध्ययन में पाया गया कि 1980 के दशक की तुलना में आज 40 साल से अधिक उम्र के लोगों में मेटाबॉलिक दर में औसतन 50% की कमी आई है. शोधकर्ताओं का कहना है कि यह कमी मुख्य रूप से आधुनिक लाइफस्टाइल से जुड़ी है.
कैसे बदल रही है लाइफस्टाइल?
आजकल की व्यस्त जिंदगी में लोग बैलेंस और पौष्टिक भोजन करने के बजाय सुविधा के लिए फास्ट फूड और पैकेज्ड फूड का ज्यादा सेवन कर रहे हैं. इन फूड्स में आमतौर पर फैट, चीनी और नमक की मात्रा अधिक होती है, जबकि पोषक तत्व कम होते हैं. साथ ही, फजिकल एक्टिविटी में भी कमी आई है. पहले के समय की तुलना में आजकल लोग ज्यादातर समय ऑफिस में बैठकर काम करते हैं या फिर खाली समय में मोबाइल और टीवी देखने में बिताते हैं.
क्या हैं बचाव के उपाय?
अध्ययन के मुख्य शोधकर्ता डॉक्टर नेहा सिंह का कहना है कि मेटाबॉलिज्म से जुड़ी समस्याओं से बचने के लिए हमें अपनी लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव लाने होंगे.
यह अध्ययन हमें यह चेतावनी देता है कि अपनी उम्र और बदलती लाइफस्टाइल के अनुसार हमें अपने खानपान और फिजिकल एक्टिविटी में बदलाव लाना जरूरी है. तभी हम मेटाबॉलिज्म से जुड़ी समस्याओं से बच सकते हैं और हेल्दी रह सकते हैं.