दिल के मरीजों के लिए ब्लड ट्रांसफ्यूजन बनी वरदान, हार्ट अटैक में जान बचाने का नया तरीका मिला!
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दिल के मरीजों के लिए ब्लड ट्रांसफ्यूजन बनी वरदान, हार्ट अटैक में जान बचाने का नया तरीका मिला!

एक हालिया अध्ययन में पाया गया है कि एनीमिया और दिल के दौरे के मरीजों को अधिक ब्लड ट्रांसफ्यूजन देने से उनकी छह महीने के भीतर मृत्यु का खतरा कम हो सकता है.

दिल के मरीजों के लिए ब्लड ट्रांसफ्यूजन बनी वरदान, हार्ट अटैक में जान बचाने का नया तरीका मिला!

ब्लड ट्रांसफ्यूजन यानी खून चढ़ाने की प्रक्रिया ने हार्ट अटैक और एनीमिया से जूझ रहे मरीजों के लिए नई उम्मीद जगाई है. NEJM Evidence जर्नल में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन में पाया गया है कि एनीमिया और दिल के दौरे के मरीजों को अधिक ब्लड ट्रांसफ्यूजन देने से उनकी छह महीने के भीतर मृत्यु का खतरा कम हो सकता है.

रटगर्स रॉबर्ट वुड जॉनसन मेडिकल स्कूल के जनरल इंटरनल मेडिसिन विभाग के चेयरमैन और इस शोध के मुख्य शोधकर्ता, डॉ. जेफरी कार्सन ने कहा कि एनीमिया से ग्रस्त दिल के दौरे के मरीजों को अधिक खून चढ़ाने से उनकी छह महीने तक जीवित रहने की संभावना बढ़ सकती है.

शोध के लिए 4,300 हार्ट अटैक और एनीमिया के मरीजों का डेटा चार अलग-अलग क्लीनिकल ट्रायल्स से लिया गया. इन मरीजों को दो समूहों में बांटा गया- एक ग्रुप को अधिक ब्लड ट्रांसफ्यूजन दिया गया, जबकि दूसरे को कम. नतीजों में पाया गया कि कम ट्रांसफ्यूजन प्राप्त करने वाले मरीजों में से 9.3% की मृत्यु हार्ट अटैक के 30 दिनों के भीतर हुई, जबकि अधिक ट्रांसफ्यूजन प्राप्त करने वाले मरीजों में यह आंकड़ा केवल 8.1% था.

एनीमिया और हार्ट हेल्थ
एनीमिया वह स्थिति है जिसमें खून शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन पहुंचाने में असमर्थ हो जाता है. इससे दिल को अधिक काम करना पड़ता है, जिससे अनियमित या तेज धड़कन (अरिदमिया) और लंबे समय में हार्ट फेलियर का खतरा बढ़ सकता है. डॉ. कार्सन ने बताया कि एनीमिया दिल के मरीजों में आम है. उन्होंने कहा, "कुछ डॉक्टरों का मानना है कि ब्लड ट्रांसफ्यूजन से दिल तक अधिक ऑक्सीजन पहुंचाई जा सकती है, जिससे हार्ट अटैक के मरीजों की जान बचाई जा सकती है."

ब्लड ट्रांसफ्यूजन के खतरे
हालांकि, ब्लड ट्रांसफ्यूजन भी पूरी तरह सुरक्षित नहीं है. इसमें संक्रमण और फ्लूड बिल्डअप जैसी समस्याओं का खतरा रहता है. इसलिए, इसे केवल जरूरत के अनुसार ही किया जाना चाहिए.

शोध के महत्व
अध्ययन में पाया गया कि अधिक ब्लड ट्रांसफ्यूजन पाने वाले मरीजों में दिल से संबंधित मौतों का जोखिम 30 दिनों में 3.7% था, जबकि कम ट्रांसफ्यूजन पाने वालों में यह 5.5% था. इसके अलावा, मृत्यु या दोबारा हार्ट अटैक होने का जोखिम अधिक ट्रांसफ्यूजन पाने वालों में 2.4% कम था. हालांकि, यह अध्ययन अधिक ब्लड ट्रांसफ्यूजन की प्रभावशीलता को पूरी तरह साबित नहीं करता, लेकिन यह नई दिशा में शोध का मार्ग जरूर खोलता है.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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