Black Turmeric: कम ही लोग जानते हैं काली हल्दी के चमत्कारी फायदे, कैंसर जैसी बीमारी भी खाती है खौफ
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Black Turmeric: कम ही लोग जानते हैं काली हल्दी के चमत्कारी फायदे, कैंसर जैसी बीमारी भी खाती है खौफ

Black Turmeric Benefits: काली हल्दी, एक अद्भुत औषधि है जो न केवल खांसी, दमा, और निमोनिया जैसी बीमारियों में राहत देती है, बल्कि यह कैंसर, टीबी, और अर्थराइटिस जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज में भी बेहद कारगर है.

Black Turmeric: कम ही लोग जानते हैं काली हल्दी के चमत्कारी फायदे, कैंसर जैसी बीमारी भी खाती है खौफ

Black Turmeric Benefits: काली हल्दी, एक अद्भुत औषधि है जो न केवल खांसी, दमा, और निमोनिया जैसी बीमारियों में राहत देती है, बल्कि यह कैंसर, टीबी, और अर्थराइटिस जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज में भी बेहद कारगर है. आयुर्वेदिक विशेषज्ञ डॉ. पूर्णिमा बहुगुणा के अनुसार, इसका करक्यूमिन स्तर साधारण हल्दी से कई गुना अधिक होता है, जो इसे अधिक गुणकारी बनाता है. यह इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के साथ-साथ हड्डी टूटने और घाव भरने में भी मददगार होती है. हालांकि, इसका सेवन आयुर्वेदिक सलाह के साथ ही करना चाहिए.

हैरान करने वाला है चमत्कारी गुण

हल्दी को उसके औषधीय गुणों के लिए सदियों से जाना जाता है. इसे एंटीबायोटिक और एंटीसेप्टिक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. आपने अक्सर सुना होगा कि हल्दी वाला दूध पीने से चोट, कमजोरी, या दर्द में राहत मिलती है. हल्दी का यह गुण इसे हर घर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाता है. लेकिन, अगर हम काली हल्दी की बात करें तो इसके चमत्कारी गुण और भी अद्भुत हैं, जो आपको हैरान कर देंगे.

टीबी के इलाज में बेहद कारगर

आयुर्वेद में काली हल्दी के गुणों को जानने के लिए आईएएनएस ने त्रियान्यास हेल्थ मंत्र की संस्थापक और आयुर्वेद सलाहकार, डॉ. पूर्णिमा बहुगुणा से बातचीत की. डॉ. पूर्णिमा के अनुसार, काली हल्दी बंगाल, उत्तराखंड, पूर्वोत्तर राज्यों और मध्य प्रदेश में उगाई जाती है. यह खांसी, दमा और निमोनिया जैसी बीमारियों के इलाज में बेहद फायदेमंद होती है. इसके अलावा, यह टीबी के इलाज में भी सहायक है.

इम्यून सिस्टम के लिए फायदेमंद

काली हल्दी का सबसे महत्वपूर्ण गुण यह है कि यह इम्यून सिस्टम को मजबूत करती है और गंभीर बीमारियों से लड़ने में मदद करती है. डॉ. पूर्णिमा के अनुसार, "काली हल्दी कैंसर के इलाज में भी बेहद फायदेमंद होती है. इसका करक्यूमिन स्तर साधारण हल्दी से कई गुना अधिक होता है. साधारण हल्दी में करक्यूमिन लेवल 1% होता है, जबकि काली हल्दी में यह 10.5% तक होता है."

पित्त और हड्डियों के लिए विशेष लाभ

इसका उच्च करक्यूमिन स्तर इसे कैंसर, टीबी, अर्थराइटिस, फेफड़ों के संक्रमण और निमोनिया के इलाज में बेहद प्रभावी बनाता है. काली हल्दी पित्त संबंधी रोगों को ठीक करने में भी मदद करती है. यह गॉलब्लैडर, बांझपन जैसी समस्याओं में सहायक होती है. साथ ही, इसका उपयोग टूटी हड्डियों को जोड़ने और घाव भरने के लिए किया जाता है. यह मोच और चोट में भी तेजी से राहत प्रदान करती है.

आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह जरूरी

हालांकि काली हल्दी के कई औषधीय गुण हैं. लेकिन इसका सेवन आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह के बाद ही करना चाहिए. इसके गुणों और उच्च मांग के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत भी काफी अधिक है.

एक प्राचीन आयुर्वेदिक औषधि

काली हल्दी एक प्राचीन आयुर्वेदिक औषधि है. यह कई गंभीर बीमारियों का इलाज कर सकती है. इसके गुण और फायदे इसे स्वास्थ्य के लिए एक अनमोल औषधि बनाते हैं.

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