24 Akbar Road: 1978 से जो था कांग्रेस का 'पता', 24 अकबर रोड बंगले की कहानी
Advertisement
trendingNow12592455

24 Akbar Road: 1978 से जो था कांग्रेस का 'पता', 24 अकबर रोड बंगले की कहानी

9A Kotla Road: कांग्रेस का 'पता' बदलने वाला है. जी हां, तकरीबन पांच दशकों के बाद कांग्रेस का नया पता 24, अकबर रोड की जगह 9ए, कोटला मार्ग होने जा रहा है.

24 Akbar Road: 1978 से जो था कांग्रेस का 'पता', 24 अकबर रोड बंगले की कहानी

Congress Headquarter: कांग्रेस का 'पता' बदलने वाला है. जी हां, तकरीबन पांच दशकों के बाद कांग्रेस का नया पता 24, अकबर रोड की जगह 9ए, कोटला मार्ग होने जा रहा है. सोनिया गांधी 15 जनवरी को नए ऑफिस इंदिरा भवन का उद्घाटन करेंगी. वैसे नए ऑफिस के लिए कांग्रेस को दिल्‍ली में दीनदयाल उपाध्‍याय मार्ग पर जमीन का आवंटन किया गया था लेकिन कांग्रेस ने उसकी जगह छह मंजिला 9 ए, कोटला मार्ग को नए पते के रूप में चुना. इस नए ऑफिस का काम 2009 में तत्‍कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी के कार्यकाल में शुरू हुआ था और इसको बनने में 15 साल लगे. पार्टी हालांकि अपने वर्तमान मुख्यालय "24, अकबर रोड" को फिलहाल खाली नहीं करेगी, जो 1978 में कांग्रेस (आई) के गठन के बाद से इसका मुख्यालय रहा है. 

24 अकबर रोड
1977 में इमरजेंसी लागू होने के बाद हुए चुनावों में कांग्रेस की करारी हार हुई थी. इंदिरा गांधी के नेतृत्‍व पर सवाल उठे थे. कांग्रेस दो भागों में टूट गई. 1978 में इंदिरा गांधी के नेतृत्‍व वाली कांग्रेस (आई) का गठन हुआ. '24 अकबर रोड और सोनिया' नाम से किताब लिखने वाले लेखक राशिद किदवई ने एक लेख में दिलचस्प बातें बताई हैं. वह लिखते हैं कि 1977-78 के आपातकाल के बाद का वक्त इंदिरा गांधी के लिए किसी परीक्षा की तरह था. उन्होंने न केवल सारी शक्तियां खो दी थीं बल्कि पद के साथ सरकारी घर भी चला गया. उनका महरौली फार्महाउस भी अभी आधा ही बना था. इधर, भरोसेमंद दोस्त एक-एक कर दूर जा रहे थे. परेशानियां बढ़ने लगीं तो परिवार के एक वफादार मित्र मोहम्मद यूनुस ने अपना घर 12 विलिंग्डन क्रिसेंट इंदिरा और उनके परिवार को प्राइवेट रेजिडेंस के रूप में देने की पेशकश की. वह खुद साउथ दिल्ली के एक घर में रहने चले गए. इस तरह से 12 विलिंग्डन क्रिसेंट गांधी परिवार का घर बन गया. इंदिरा, राजीव, उनकी पत्नी सोनिया, राहुल-प्रियंका, संजय गांधी, उनकी पत्नी मेनका यहां रहने लगे. मुश्किल यह हुई कि अब यहां से किसी तरह की पॉलिटिकल एक्टिविटी के लिए जगह ही नहीं बची. 

कांग्रेस आई के पास अपना ऑफिस नहीं था. उस वक्‍त पार्टी के राज्‍यसभा सांसद जी वेंकटस्‍वामी ने अपने आधिकारिक निवास 24 अकबर रोड को पार्टी के कामकाज के लिए दे दिया. तब से ही लुटियंस जोन में सफेद रंग का ये बंगला कांग्रेस मुख्‍यालय के रूप में प्रयोग होता रहा. इस बंगले ने कांग्रेस के उतार-चढ़ाव समेत कई दौर देखे. 1980 में कांग्रेस की सत्‍ता में वापसी, 1984 में इंदिरा गांधी की हत्‍या, राजीव गांधी की ताजपोशी, पीवी नरसिम्‍हा राव का दौर, 1996-2004 का सत्‍ता से बाहर रहने का दौर, कांग्रेस की वापसी और 2014 में फिर से सत्‍ता से बाहर होने जैसे घटनाओं का ये बंगला गवाह बना. 

आंग सान सू की कनेक्शन
कांग्रेस का ऑफिस बनने से पहले भी इस इमारत से एक खास बात जुड़ी थी. 1961 से दो साल तक म्यांमार की लोकतंत्र समर्थक नेता और नोबल शांति पुरस्कार पाने वालीं आंग सान सू की यहां रही थीं. सू की उस समय करीब 15 साल की थीं. वह अपनी मां के साथ आई थीं, जिन्हें म्यांमार ने राजदूत बनाकर भारत भेजा था. तब 24 अकबर रोड को 'बर्मा हाउस' (Burma House 24 Akbar Road) कहा जाता था. यह नाम भी पंडित नेहरू ने दिया था. वैसे, यह घर एडविन लुटियंस ने 1911 और 1925 के बीच बनाया था. 

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news