दिल्ली चुनाव में पार्टियां मुफ्त में पैसा देने का वादा कर रही, जजों के लिए... सुप्रीम कोर्ट ने सरकारों की क्यों लगाई क्लास?
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दिल्ली चुनाव में पार्टियां मुफ्त में पैसा देने का वादा कर रही, जजों के लिए... सुप्रीम कोर्ट ने सरकारों की क्यों लगाई क्लास?

Supreme Court On Money For freebies: सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को फ्री में पैसे देने के नाम पर जमकर सुनाया. इसके लिए बकायदा योजनाओं के नाम तक का जिक्र भी किया. जानें दिल्ली चुनाव के बीच आखिर सुप्रीम कोर्ट को ऐसी क्यों टिप्पणी करनी पड़ी. जानें पूरा मामला.

दिल्ली चुनाव में पार्टियां मुफ्त में पैसा देने का वादा कर रही, जजों के लिए... सुप्रीम कोर्ट ने सरकारों की क्यों लगाई क्लास?

Supreme Court on freebies: आप सबने खूब सुना होगा कि दिल्ली में बहुत सारी चीजें फ्री हैं. बिजली, पानी, शिक्षा के साथ अब हर महीने फ्री में पैसे देने का कल्चर देश में बढ़ रहा है. यह सिर्फ एक राज्य का हाल नहीं है, देश में कई राज्यों ने अपने यहां फ्री कल्चर बना रखा है. जिसका उन्हें चुनाव में फायदा भी होता है. दिल्ली चुनावों का बिगुल बज चुका है. अब इन्हीं रेवड़ी कल्चर पर सुप्रीम कोर्ट ने तंज कसा है. आइए जानते हैं आखिर सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा क्यों किया.

सुप्रीम कोर्ट ने  मंगलवार को कहा कि राज्यों के पास उन लोगों को ‘मुफ्त सौगात’ देने के लिए पर्याप्त धन है जो कोई काम नहीं करते लेकिन जब जिला न्यायपालिका के न्यायाधीशों को वेतन और पेंशन देने की बात आती है तो वे वित्तीय बाधाओं की बात करते हैं.  न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने यह मौखिक टिप्पणी उस समय की, जब अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणि ने दलील दी कि सरकार को न्यायिक अधिकारियों के वेतन और सेवानिवृत्ति लाभों पर निर्णय लेते समय वित्तीय बाधाओं पर विचार करना होगा.

जो काम नहीं करते, उनके लिए पैसा, फिर जजों के लिए क्यों नहीं?
पीठ ने टिप्पणी की, ‘‘राज्य के पास उन लोगों के लिए पैसा है जो कोई काम नहीं करते. चुनाव आते हैं, आप लाडली बहना और अन्य नयी योजनाएं घोषित करते हैं, जिसके तहत आप निश्चित राशि का भुगतान करते हैं. दिल्ली में अब आए दिन कोई न कोई पार्टी घोषणा कर रही है कि वे सत्ता में आने पर 2,500 रुपये देंगे.’’

किस मामले में कोर्ट ने की ये टिप्पणी?
शीर्ष अदालत ने सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को पेंशन के संबंध में अखिल भारतीय न्यायाधीश संघ द्वारा 2015 में दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की. वेंकटरमणि ने कहा कि वित्तीय बोझ की वास्तविक चिंताओं को ध्यान में रखा जाना चाहिए. शीर्ष अदालत ने पहले कहा था कि यह ‘‘दयनीय’’ है कि उच्च न्यायालय के कुछ सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को 10,000 रुपये से 15,000 रुपये के बीच पेंशन मिल रही है.

दिल्ली चुनाव में AAP और कांग्रेस ने किया है फ्री में पैसे देने का ऐलान
सुप्रीम कोर्ट की ये टिप्पणी उस समय आई है, जब दिल्ली में चुनाव से पहले कुछ राजनीतिक पार्टियों ने सत्ता में आने पर महिलाओं को रुपये देने का वादा किया है. आम आदमी पार्टी ने 'महिला सम्मान योजना' के तहत दिल्ली की महिलाओं को हर महीने 2100 रुपये देने का ऐलान किया है. वहीं कांग्रेस ने महिलाओं को 'प्यारी दीदी योजना' के तहत हर महीने 2500 रुपये देने का वादा किया है. चुनाव आयोग ने मंगलवार को ही दिल्ली विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान किया है.
इनपुट भाषा से भी

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