Wrestlers Case Update: आईओए अध्यक्ष पीटी उषा को लिखे पत्र में पहलवानों ने डब्ल्यूएफआई की ओर से (कोष में) वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगाने के अलावा दावा किया कि राष्ट्रीय शिविर में कोच और खेल विज्ञान स्टाफ 'बिल्कुल अक्षम' है.
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Why Wrestlers are Protesting: विरोध कर रहे पहलवानों ने शुक्रवार को भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) से भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए जांच समिति के गठन की मांग की. इससे एक दिन पहले पहलवानों ने इस खेल प्रशासक के खिलाफ कई एफआईआर दर्ज कराने की धमकी दी थी.
पहलवानों ने लगाए ये आरोप
आईओए अध्यक्ष पीटी उषा को लिखे पत्र में पहलवानों ने डब्ल्यूएफआई की ओर से (कोष में) वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगाने के अलावा दावा किया कि राष्ट्रीय शिविर में कोच और खेल विज्ञान स्टाफ 'बिल्कुल अक्षम' है. चार मांग रखते हुए पहलवानों ने लिखा, 'यौन शोषण की शिकायतों की जांच के लिए तुरंत समिति की नियुक्ति की जाए.' पहलवानों ने डब्ल्यूएफआई को भंग करने और अध्यक्ष को बर्खास्त करने की मांग भी दोहराई. पहलवानों के साथ सलाह-मशविरा करके राष्ट्रीय महासंघ के संचालन के लिए नई समिति का गठन किया जाए.
जांच के लिए बनाई जाएगी समिति!
इससे पहले गुरुवार देर रात पहलवानों की खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ चार घंटे बातचीत चली थी. सरकार ने कहा है कि अगर खिलाड़ी सहमत हों तो जांच रिपोर्ट आने तक बृजभूषण शरण सिंह खुद को कुश्ती संघ से अलग कर सकते हैं. जिन कोच के ऊपर आरोप हैं, वे भी जांच पूरी होने तक कुश्ती संघ से अलग हो सकते हैं. सरकार ने खिलाड़ियों से कहा कि यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति बनाई जा सकती है और इसके तीनों सदस्यों के नाम खिलाड़ी ही दे सकते हैं. सूत्रों के अनुसार यौन उत्पीड़न के आरोपों पर खिलाड़ी कुछ ठोस नहीं बता पाए.
क्या आज बात करेंगे खिलाड़ी?
खिलाड़ियों ने गुरुवार रात कहा था कि सरकार के प्रस्तावों पर वे आज बात करने के लिए वापस आएंगे लेकिन अभी तक नहीं आए. विनेश फोगाट ने टोक्यो ओलंपिक में टीम ड्रेस के बजाए स्पांसर की ड्रेस पहनी थी. इस पर उन्हें कुश्ती संघ और भारतीय ओलंपिक संघ की ओर से डांटा गया था. लेकिन कुश्ती संघ ने उनके खिलाफ इस मुद्दे पर अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की थी.
सूत्रों के अनुसार सरकार चाहती है कि खिलाड़ियों का विरोध प्रदर्शन जल्द खत्म हो क्योंकि गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में अधिक दिन नहीं बचे हैं. सरकार ने स्पष्ट किया, बृजभूषण शरण सिंह को बर्खास्त करने का अधिकार नहीं है क्योंकि ब्रजभूषण चुनी हुई संस्था के अध्यक्ष हैं.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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