क्या महाकुंभ में गैर-सनातनी लगा पाएंगे दुकानें? अखाड़ा परिषद की मांग पर ये बोला प्रशासन
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क्या महाकुंभ में गैर-सनातनी लगा पाएंगे दुकानें? अखाड़ा परिषद की मांग पर ये बोला प्रशासन

Maha Kumbh 2024:  कुंभ की तैयारियां तेज हो गई हैं. ऐसे में अखाड़ा परिषद ने महाकुंभ प्रशासन से मांग की है कि मेले के अंदर किसी भी गैर सनातनी को दुकान लगाने की इजाज़त नहीं मिलनी चाहिए. क्योंकि हाल ही में घटी कुछ घटनाओं के बाद ये डर है कि वहां भी लोगों को धर्म भ्रष्ट करने की साजिश की जाए. 

क्या महाकुंभ में गैर-सनातनी लगा पाएंगे दुकानें? अखाड़ा परिषद की मांग पर ये बोला प्रशासन

Maha Kumbh 2024: महाकुंभ मेला प्रशासन ने कहा है कि मेले में दुकानें निविदा प्रक्रिया से ही आवंटित होंगी. इससे पहले अखाड़ा परिषद ने मेला प्रशासन से मांग की थी कि महाकुंभ मेले की सुचिता और शुद्धता को यकीनी बनाने के लिए गैर सनातनियों को खाने पीने की दुकानें आवंटित नहीं की जानी चाहिए. कुंभ मेलाधिकारी विजय किरण आनंद ने कहा,'जो दुकानें आवंटित होती हैं, वह निविदा प्रक्रिया से होती हैं. दुकानें निविदा प्रक्रिया के अनुसार ही आवंटित होंगी. यह बड़ा मेला है जहां दुनियाभर से लोग आएंगे.. हम इसी प्रक्रिया से दुकानें आवंटित करेंगे.'

प्रयागराज में लगने वाले कुम्भ और महाकुंभ मेले में हमेशा से दुकानें निविदा प्रक्रिया से आवंटित होती रही हैं जिसमें किसी वर्ग विशेष को दुकानें आवंटित करने पर रोक नहीं है. हालांकि, खाने-पीने की चीजों में गंदगी मिलाए जाने का पिछले दिनों कई वीडियो वायरल होने के बाद से अखाड़ा परिषद गैर सनातनियों को खानपान की दुकानें आवंटित करने का विरोध कर रहा है.

'विरोध किसी वर्ग विशेष से नहीं है'

वहीं अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने शुक्रवार को पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के सभागार में बैठक के बाद एक बार फिर कहा,'हमारा विरोध किसी वर्ग विशेष से नहीं है. हाल ही में खाने में थूक, पेशाब आदि मिलाकर परोसे जाने का वीडियो सामने आने के बाद हमारी मांग है कि जूस की दुकान, खानपान की दुकान, ढाबा आदि गैर सनातनियों को ना दी जाएं.'

'धर्म भ्रष्ट हो सकता है'

उन्होंने कहा,'इस मेले में देशभर से साधु संत, तपस्वी आते हैं और गैर सनातनी लोग खाने पीने की चीजों में गंदगी मिलाकर उनका धर्म भ्रष्ट कर सकते हैं. इसलिए हमारी मांग है कि खानपान की दुकानें केवल सनातनियों को ही आवंटित की जाएं.' अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने बृहस्पतिवार को मेला कार्यालय में साधु संतों के बीच हुए विवाद के बारे में कहा,'हम अखाड़ों के साधु हैं और अखाड़े में छोटा-मोटा वाद-विवाद होता रहता है. इसे तूल नहीं दिया जाना चाहिए.'

(इनपुट-भाषा)

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