Pune news: बीते कुछ घंटों में पुणे का अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया. चंद घंटों में सीधे 10 डिग्री सेल्सियस की गिरावट ने भीषण गर्मी की मार से परेशान लोगों को राहत दी है, मौसम वैज्ञानिकों ने अचानक इस बदलाव पर बड़ी बात कही है.
Trending Photos
Pune Weather Update: महाराष्ट्र के पुणे शहर की गिनती कभी 'सुहावने मौसम' वाले शहर के तौर पर होती थी. लेकिन बीते कुछ सालों से पुणे भट्टी की तरह तप रहा है. ये शहर तेजी से गर्म क्यों हो रहा है? इसकी वजह भी क्लाइमेट चेंज और ग्लोबल वार्मिंग मानी गई. हालांकि पर्यावरण विशेषज्ञों के मुताबिक शहर में तापमान में बढ़ोतरी के पीछे स्थानीय कारण भी है. पुणे में बीते कुछ दिनों में टेंप्रेचर 41 डिग्री के पार गया तो लोग त्राहिमाम करने लगे. इस बीच अचानक चंद घंटों में शहर का तापमान 41 डिग्री से घटकर 30 डिग्री हो गया तो कुछ लोग इसे सूरज देवता की मेहरबानी बताने लगे. हालांकि मौसम में आए इस बदलाव की वजह मौसम विज्ञानियों ने बताई है.
पुणे में मौसम में 'ठंढक' कैसे लौटी?
पुणें में बीते 48 घंटों में पारे ने जबरदस्त गोता लगाया है. अब ये सवाल उठ रहा है कि आखिर ये राहत कितने समय तक रहेगी? ऐसे सवालों का जवाब मौसम विभाग (IMD) के पूर्व प्रमुख अनुपम कश्यपी ने दिया है. कश्यपी ने कहा कि पुणे के तापमान में अचानक ही हुई गिरावट ज्यादातर अरब सागर से नमी के प्रवाह के कारण हुई. यह साइक्लोन रेमल का परिणाम था, जिसके कारण पश्चिम बंगाल में कुछ मौतें हुईं और राज्य को नुकसान पहुंचा.
ये भी पढ़ें- Weather Update: 'भट्टी' बनी दिल्ली, आधे देश में बरस रही 'आग', चूरू और सिरसा में तापमान 50 के पार
उन्होंने ये भी कहा, 'चक्रवाती तूफान सोमवार को पहुंचा हालांकि महाराष्ट्र पर इसका असर बहुत कम रहा, लेकिन शहर के तापमान में आई इस बड़ी गिरावट को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है.
आंशिक राहत है फिर तपेगा शहर..
कश्यपी ने कहा, 'साइक्लोन रेमल के कारण पश्चिमी हवा का पैटर्न स्थापित होने के कारण मिली गर्मी से ये राहत लंबे समय तक नहीं रहेगी. जल्द ही मौसम एक बार फिर यू टर्न मारेगा और पारा हाई होने के साथ शहरवालों को पहले की तरह मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा. मौसम विभाग के मुताबिक पश्चिम-मध्य भारत में दिन के तापमान में तेज बढ़ोतरी होने की संभावना है. इसके साथ ही महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और दक्षिणी मध्य प्रदेश में तापमान में तेजी से बढ़ेगा.
ऐसे में बहुत से लोगों के मन में ये सवाल उठ रहा है कि चक्रवाती तूफान रेमल, दक्षिण पश्चिम मानसून के आगमन को क्या प्रभावित कर सकता है?दरअसल मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की थी कि मानसून 31 मई को केरल पहुंचेगा. जो आमतौर पर जून के पहले सप्ताह में महाराष्ट्र पहुंचता है. ऐसे में मौसम विज्ञानियों का कहना है कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर नमी में कमी के कारण असम, मेघालय और मिजोरम जैसे पूर्वोत्तर राज्यों में मानसून की शुरुआत में एक या दो दिन की देरी हो सकती है.
'द अर्बन हीट आइलैंड इफेक्ट'
पुणे हो या देश का कोई और शहर, पर्यावरण विशेषज्ञों के मुताबिक किसी शहर के बदलते मौसम की स्थानीय वजहों यानी मूल कारकों को अगर समय रहते युद्ध स्तर पर काम करके नहीं रोका गया तो हालात और भी भयावाह हो सकते हैं. इस बेतहाशा गर्मी को अर्बन हीट आइलैंड इफेक्ट (Urban Heat Island Effect) कहा जाता है. अब शहरों में बेतहाशा गर्मी बढ़ाने वाले कुछ स्थानीय कारणों की बात करें तो इसकी पहली वजह शहरों में लगातार हो रहे निर्माण कार्यों का होना यानी गगनचुंबी इमारतों में इजाफा और भूजल का अंधाधुंध दोहन होना है.
इन वजहों से बड़े शहरों में पानी और हरियाली की कमी हो गई है. वहीं सड़कों पर गाड़ियों की तादाद में भी ऐतिहासिक बढोतरी हो गई है, जिसके धुएं से भी पर्यावरण प्रभावित हो रहा है, इन वजहों से भी मौसम बेईमान हो रहा है.
पहाड़ों और मैदानों में एक जैसा होगा तापमान
देश के पहाड़ी राज्यों में लू चलने लगी है. ये अच्छा संकेत नहीं है. मौसम विज्ञानियों का ये भी कहना है कि देश के हिल स्टेशनों पर बढ़ती भीड़ के कारण प्रदूषण बढ़ रहा है उससे भी प्रकृति का संतुलन डगमगा रहा है. यही हालत रही तो वो दिन दूर नहीं जब पहाड़ों और मैदानों में एक जैसा मौसम और तापमान हो जाएगा.